scorecardresearch
 

भारत लज्जाशील नारियों का देश है!

भारत लज्जाशील नारियों का देश है, जिसने भी यह कहा है उसे इंडिया टुडे-एसी-नील्सन ओआरजी मार्ग के सेक्स सर्वेक्षण को देखना चाहिए. उसे पता चल जाएगा कि आधुनिक महिला की कामेच्छा आजादी-बाद की पीढ़ी पर हावी रही विक्टोरिया युग की लज्जाशीलता से अब लगभग पूरी तरह मुक्त हो चुकी है.

Advertisement
X

{mosimage}भारत लज्जाशील नारियों का देश है, जिसने भी यह कहा है उसे इंडिया टुडे-एसी-नील्सन ओआरजी मार्ग के सेक्स सर्वेक्षण को देखना चाहिए. उसे पता चल जाएगा कि आधुनिक महिला की कामेच्छा आजादी-बाद की पीढ़ी पर हावी रही विक्टोरिया युग की लज्जाशीलता से अब लगभग पूरी तरह मुक्त हो चुकी है. महिलाओं का अब कहना है कि वे बिस्तर में या उससे बाहर, जो चाहे कर सकती हैं. शहरों में सेक्स आश्चर्यजनक रूप से उन्मुक्त हो चुका है. और यदि आप यह सोचते हैं कि आप महिलाओं की सोच के बारे में जानते हैं तो आप संभवतः गलत हैं.

अहमदाबाद में, समलिंगी महिलाएं पर्दे से बाहर निकल आई हैं. लखनऊ में वे ज्यादातर लड़की-लड़की के बीच सेक्स के बारे में कल्पना करती हैं. पुरुष वेश्या लुधियाना की महिलाओं के बीच लोकप्रिय हैं जबकि चेन्नै में महिलाएं कमसिन लड़कों के साथ आप एक चतुर्दंड युक्त बिछौने पर वस्त्रहीन लेटी हैं. आपके हाथ बंधे हैं और शरीर तेल में नहाया हुआ है. बिछौने के बगल में मध्य वय के अंकल जी सरीखा एक पुरुष खड़ा है. उसकी लंबी, झूलती मूंछें हैं और वह चमकदार पीवीसी बॉडीसूट, ऊंची एड़ी के जूते और बैले नर्तकी जैसा टूटू पहने हुए है. उसके एक हाथ में चाबुक और दूसरे में रबर की लाल गेंद है. जब विशाल स्पीकर पर दस स्पेक जरथुस्त्र  बजता है तो वह आपकी तरफ भारी चाल से चलते हुए जर्मन लहजे में ये रहस्यमय शब्द कहता हैः हुकिंकी सेक्सः अर्थात रति क्रिया की व्यापक रेंज जिसका उद्देश्य इसमें भाग लेने वाले लोगों को मंचीय सामग्रियों, सुंदर पहनावे और अभिनय के जरिए सामान्य यौन क्रिया की सीमा से परे ले जाना है. इस अभिनय में मनुहार, प्रभुत्व, अनुनय-विनय, आत्मसमर्पण, परपीड़न रति आदि शामिल हैं. किंकी सेक्स जोड़ियों में प्रगाढ़ता बढ़ा देता और रति क्रिया की नई ऊंचाइयों तक ले जाता है.''

आप एक तरह से चकराकर सवाल करती हैं, ''रहस्योष्ठान की तरह?''
''किंकी सेक्स में भाग लेने वाले खिलाड़ियों की संख्या महत्वपूर्ण नहीं है. वे दो भी हो सकते हैं और उससे अधिक भी.''
''उस औरत की तरह जिसने एफिल टॉवर से शादी की थी?''
''आह, एरिका ला टुअर एफिल. मेरी अच्छी दोस्त है. आप निस्संदेह उसे जानती हैं. उसका संबंध एक धनुष से था और वह दुनिया की विश्वस्तरीय धनुर्धर बनी. लेकिन नहीं: जब मंचीय सामग्री या वेशभूषा कामेच्छा की वस्तु बन जाती है और यौन क्रिया में सहायक नहीं होती, तो रतिक्रिया नीरस बन जाती है. वह असामान्य जैसी कोई चीज नहीं रहती.''
तब आप पूछती हैं, ''बेलग्रेड के .जोरम निकोलोविक की तरह, जिसे साही के साथ सेक्स करने के बाद सर्जरी करानी पड़ती थी?'' आप अपने सामान्य ज्ञान पर खुद चकित हैं.
''नहीं.'' वह चाबुक फटकारते हुए उत्तर देता हैं, ''मैं देख रहा हूं, आपको इंटरनेट पर सेक्स की घिसी-पिटी खबरें पढ़ना पसंद है. मुझे भी यह पसंद है. खैर, बहुत बातें हो चुकीं.''
आपके स्कूल की केमिस्ट्री टीचर कैटवुमन के वेश में डॉक्टरी किट और बड़े जार में नीले रंग का खदबदाता तरल पदार्थ लिए प्रवेश करती है. बोलती है, ''तुम बहुत, बहुत शरारती रहे हो.''

यदि आपको ऊपर की बातें यौन क्रिया के लिहाज से उत्तेजक नहीं लगीं, तो पेश है एक न्यूजफ्लैशः संभावना है कि आप किंकी सेक्स में शामिल नहीं होंगे. लेकिन इंडिया टुडे-एसी नील्सन-ओआरजी मार्ग के इस सेक्स सर्वेक्षण के अनुसार, जिसे मैं बड़े ध्यान से पढ़ता रहा हूं, कई भारतीय किंकी सेक्स में दिलचस्पी लेते हैं और आप तथा मैं घिसे-पिटे सेक्स में विश्वास करने वाले बहुमत के महज अंग हैं. सेक्स का सुख लेने वाली 10 में से तीन महिलाएं किंकी सेक्स को ठीक मानती हैं और 13 प्रतिशत हर समय इसका आनंद उठाना चाहती हैं. पांच में से एक पुरुष का मानना है कि किंकी सेक्स से संबंधों में सुधार आता है. मुंबई में तीन में से एक पुरुष इस तरह के सेक्स में शामिल है. हैदराबाद कुल मिलाकर किंकी सेक्स का शहर है. वहां उत्तरदाताओं में से 45 प्रतिशत किंकी सेक्स का अनुमोदन करते हैं, हर समय नहीं तो कम-से-कम कभी-कभार.

Advertisement
Advertisement