Vitamin D: विटामिन डी शरीर को स्वस्थ रखने के लिए बेहद जरूरी होता है. यह एक ऐसा पोषक तत्व है जो ना केवल हड्डियों, दांतों और मांसपेशियों को मजबूत करता है बल्कि कैल्शियम और फास्फोरस जैसे तत्वों को अवशोषित करने में शरीर की मदद भी करता है. यह इम्युनिटी बढ़ाता है और शरीर से बीमारियों को दूर रखता है. विटामिन डी की कमी होने पर आपको कमर दर्द, थकान, कमजोरी, डिप्रेशन, बालों का झड़ना जैसी कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है.
हम सभी यह बात जानते हैं कि सूरज की रोशनी विटामिन डी का सबसे अच्छा स्रोत है इसलिए इसे 'सनशाइन' विटामिन भी कहा जाता है. यह मानव शरीर की विटामिन डी की रोज की जरूरत को कैसे पूरा करती है और हमें सूरज की रोशनी से कितना विटामिन डी मिल सकता है, इसके लिए एक्सपर्ट की राय जानना जरूरी है.
शरीर में कैसे बनता है विटामिन डी
इंटिग्रेटिव और लाइफस्टाइल मेडिसिन के क्षेत्र से जुड़े न्यूट्रिशनिस्ट ल्यूक कॉटिन्हो ने हाल ही में इंस्टाग्राम पर विटामिन डी से जुड़े एक सवाल का जवाब दिया और वो सवाल था कि क्या शीशे से आने वाली सूरज की रोशनी भी इंसान को विटामिन डी प्रदान कर सकती है?
इस पर ल्यूक कॉटिन्हो ने बताया, ''सूरज की रोशनी वास्तव में आपको विटामिन डी प्रदान नहीं करती है बल्कि आपका शरीर विटामिन डी का उत्पादन करता है. जब आपकी त्वचा सूरज की अल्ट्रावायलेट किरणों के संपर्क में आती है तो इससे शरीर में विटामिन डी बनने की प्रक्रिया शुरू होने लगती है. इसके बाद आपका शरीर इसका इस्तेमाल कैल्शियम के अवशोषण और हड्डियों के स्वास्थ्य, इम्युनिटी, हार्मोनल बैलेंस जैसे कई कामों के लिए करने लगता है.''
कॉटिन्हो ने आगे कहा कि विटामिन डी के सभी फायदे हासिल करने के लिए जरूरी है कि सूरज की रोशनी का त्वचा से सीधे संपर्क हो. लेकिन अगर सूरज की रोशनी में आपकी त्वचा पर जलन होने लगे तो समझ जाएं कि यह धूप लेने का गलत समय है. इससे बचें क्योंकि इसमें रेडिएशन होता है.
आप किस देश, किस वातावरण में रहते हैं. यह भी काफी मायने रखता है. अगर सूरज की रोशनी में आपको कोई जलन महसूस नहीं हो रही है तो इससे होने वाले सभी फायदों को हासिल करने के लिए आपको कम से कम 15 मिनट से लेकर एक घंटे तक के सूरज के एक्सपोजर की जरूरत है.
विटामिन डी से होने वाले फायदे
ब्रिटेन की नेशनल हेल्थ सर्विस (एनएचएस) के अनुसार, विटामिन डी शरीर में कैल्शियम और फॉस्फेट की मात्रा को मैनेज और कंट्रोल करने में मदद करता है. हड्डियों, दांतों और मांसपेशियों को स्वस्थ रखने के लिए इस पोषक तत्व की बहुत ज्यादा जरूरत होती है.
विटामिन डी की कमी से बच्चों में रिकेट्स और वयस्कों को ऑस्टियोमलेशिया जैसी हड्डी की बीमारियां होने की आशंका होती है. इसके अलावा थकान, कमजोरी, हड्डियों में दर्द, मूड स्विंग्स, बालों का झड़ना, मांसपेशियों में कमजोरी, भूख ना लगना और बार-बार बीमार होना भी विटामिन डी की कमी का संकेत है.