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Suhani bhatnagar death: सूजन वाली इस बीमारी के कारण हुई थी दंगल गर्ल सुहानी की मौत, जानें दुर्लभ बीमारी के बारे में सबकुछ

दंगल मूवी एक्ट्रेस सुहानी भटनागर की 19 साल की उम्र में डर्मेटोमायोसिटिस के कारण मौत हो गई है. डर्मेटोमायोसिटिस क्या है, कारण, लक्षण और इस दुर्लभ सूजन वाली बीमारी के बारे में सब कुछ आर्टिकल में जानेंगे.

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आमिर खान की मूवी 'दंगल' में बबीता कुमारी फोगाट के बचपन का किरदार निभाने वाली सुहानी भटनागर का 16 फरवरी को दिल्ली में निधन हो गया. उनकी उम्र मात्र 19 साल थीं. सुहानी की मौत की पुष्टि आमिर खान के प्रोडक्शन हाउस ने की थी. सुहानी के माता-पिता ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि उनकी बेटी के साथ आखिरकार हुआ क्या था.

सुहानी के पिता ने मीडिया को बताया था, 'सुहानी के हाथों में 2 महीने पहले सूजन आने लगी थी. पहले तो इसे नॉर्मल माना गया था लेकिन बाद में सूजन दूसरे हाथ समेत सारे शरीर में आ गई. डॉक्टर्स की सलाह लेने के बाद भी बीमारी का पता नहीं चला और उसे एम्स में एडमिट कराया गया. 

जब जांच कराई गई तो पता लगा कि सुहानी को डर्मेटोमायोसिटिस है जो दुर्लभ ऑटोइम्यून बीमारी है. इस बीमारी का एकमात्र इलाज स्टेरॉयड है. जब सुहानी को स्टेरॉयड दिए गए तो उनकी इम्यूनिटी कमजोर होती चली गई. इम्यूनिटी कमजोर होने के कारण सुहानी को अस्पताल में संक्रमण हुआ और उसके फेफड़े कमजोर हो गए, जिससे उनमें लिक्विड जमा होने लगा. सांस लेना मुश्किल हुआ और उसकी मृत्यु हो गई.

क्या है डर्मेटोमायोसिटिस (What is dermatomyositis)

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डर्मेटोमायोसिटिस, पॉलीमायोसिटिस का एक रूप है जो इंसान के मसल्स के अलावा उसकी स्किन को भी प्रभावित करता है. यह मसल्स को कमजोर करने के साथ-साथ त्वचा पर चकत्ते का कारण बनती है. यह गंभीर लक्षण भी पैदा कर सकता है जो आपकी सांस लेने और निगलने की क्षमता को प्रभावित करती है.

बेंगलुरु के सकरा वर्ल्ड हॉस्पिटल में रुमेटोलॉजी की सीनियर कंसल्टेंट डॉ. श्वेता सिंघई ने मीडिया को दिए इंटरव्यू में बताया, 'डर्माटोमायोसिटिस बहुत ही दुर्लभ बीमारी है जो 1 लाख लोगों में से 2-3 को प्रभावित करती है. इस बीमारी का सटीक कारण अज्ञात है लेकिन यह मसल्स के वायरल संक्रमण के कारण हो सकता है जो शरीर के मसल्स और अन्य टिश्यू में ऑटोएंटीबॉडी विकसित होने, जीवाणु संक्रमण होने, वैक्सीनेशन, यूवी विकिरण के कारण हो सकते हैं.'

डॉ. श्वेता ने आगे कहा, 'कभी-कभी कोलेस्ट्रॉल को कम करने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली स्टैटिन जैसी दवाएं भी डर्माटोमायोसिटिस के लिए जिम्मेदार हो सकती हैं.'

डर्माटोमायोसिटिस के लक्षण (Dermatomyositis symptoms)

'डर्माटोमायोसिटिस में शरीर में सूजन के साथ-साथ मसल्स कमजोर हो जाते हैं और शरीर पर दाने हो जाते हैं. शरीर पर दाने बैंगनी रंग के होते हैं जो आंखों के आसपास, गर्दन, गाल, छाती के सामने या ऊपरी पीठ पर होते हैं. कंधे, ऊपरी हाथ, हिप्स, जांघ और गर्दन के मसल्स में दर्द होता है और काफी कमजोर हो जाते हैं इसलिए इससे प्रभावित व्यक्ति को हाथ कंधे से ऊपर उठाने में भी काफी मुश्किल होती है. जोड़ों में दर्द और सूजन, हार्ट और फेफड़ों के मसल्स में सूजन, नाखूनों की सिलवटों पर क्यूटिकल्स, ब्लड वेसिल्स में सूजन इसके प्रमुख लक्षण हैं.'

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बीमारी की जांच और इलाज (Disease diagnosis and treatment)

डर्माटोमायोसिटिस बीमारी का पता लगाने के लिए मरीज को पीईटी स्कैन की आवश्यकता हो सकती है. डॉक्टर मांसपेशियों के अंदर सूजन की पुष्टि करने के लिए बायोप्सी, चेस्ट स्कैन और एमआइआई भी कर सकता है. वैसे तो डर्मेटोमायोसिटिस का कोई इलाज नहीं है लेकिन स्पीच थेरेपी, आईवीआईजी, इम्यूनोसप्रेसेन्ट दवां, कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स, फिजिकल थेरेपी, एक्सरसाइज और आराम से इसके लक्षणों को कम कर सकते हैं.

अगर इलाज न किया जाए तो इससे प्रभावित लोगों को निगलने और सांस लेने में भी परेशानी हो सकती है. इस बीमारी को तुरंत इलाज की जरूरत होती है. जितनी जल्दी इलाज शुरू करेंगे, उतनी अधिक संभावना है कि आप गंभीर लक्षणों से बच सकते हैं.

डॉ. श्वेता सिंघई का कहना है कि धूप के संपर्क में आने से बचना, सनस्क्रीन का उपयोग करना और फोटोप्रोटेक्टिव कपड़े पहनना इसके इलाज में शामिल है. अगर किसी को भी ऊपर बताए लक्षणों में कोई भी लक्षण लंबे समय तक नजर आए तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें.

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