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यूपी के इस बच्चे की 12 साल की उम्र में टूट चुकी हैं 100 हड्डियां, आप भी जानें इस खतरनाक बीमारी के बारे में

हड्डियों का कमजोर होना ऑस्टियोपोरोसिस कहलाता है. इस स्थिति में बोन मास डेंसिटी कम हो जाती है, जिससे हड्डियों के फ्रैक्चर होने का खतरा बढ़ जाता है. यह एक रेयर बीमारी है जिसके चलते हल्का सा मुड़ने या खांसने पर भी शरीर की हड्डियां टूट जाती हैं.

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photo credit: getty images
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स्टोरी हाइलाइट्स
  • हल्का सा मुड़ने या खांसने पर आसानी से टूट जाती हैं हड्डियां
  • हड्डियां लिविंग टिशू होती हैं जो लगातार टूटती हैं और नई बनती रहती हैं

उत्तर प्रदेश का रहने वाला रोहित एक ऐसी बीमारी से जूझ रहा है जिसके बारे में सुनकर आपके होश उड़ जाएंगे. रोहित की उम्र मात्र 12 साल है और अब तक रोहित की लगभग 100 हड्डियां टूट चुकी हैं. रोहित को हड्डियों से जुड़ी एक रेयर बीमारी है. इस बीमारी का नाम ऑस्टियोपोरोसिस है. 

ये एक ऐसी बीमारी है जिसमें हल्के झटके से ही रोहित की हड्डियां टूट जाती हैं जिस कारण वह बाकी बच्चों के साथ खेल नहीं पाता. इस बीमारी की वजह से रोहित की बढ़ने की क्षमता पर भी असर पड़ रहा है. रोहित की लंबाई सिर्फ 1 फुट 4 इंच और वजन 14.5 किलो है. बता दें कि अब तक रोहित की लगभग 100 हड्डियां टूट चुकी हैं. जिस हिसाब से एक साल में रोहित की लगभग 8 हड्डियां टूटी हैं. 

रोहित के सभी काम उसकी मां करती हैं. अपनी इस रेयर कंडीशन के कारण रोहित स्कूल भी नहीं जा पाता. 

तो आइए जानते हैं क्या है ऑस्टियोपोरोसिस इसके लक्षण और कारण-

क्या है ऑस्टियोपोरोसिस?

ऑस्टियोपोरोसिस एक ऐसी बीमारी है जिसमें हड्डियां काफी कमजोर हो जाती हैं और आसानी से टूट जाती हैं. यह बीमारी होने पर हड्डियां इतनी ज्यादा कमजोर हो जाती हैं कि हल्के से स्ट्रेस जैसे हल्का सा मुड़ने या खांसने पर आसानी से टूट जाती हैं या उनमें फ्रैक्चर आ जाता है.

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हड्डियां लिविंग टिशू होती हैं और इनकी मरम्मत का काम आजीवन चलता रहता है. लेकिन जब बोन मेटाबॉलिज्म ठीक से काम नहीं करता है तो हड्डियां कमजोर और पतली हो जाती हैं.

ऑस्टियोपोरोसिस एक ऐसी बीमारी है जो पुरुषों-महिलाओं किसी को भी हो सकती है. लेकिन जो महिलाएं मेनोपॉज से गुजर चुकी हैं उनमें इस बीमारी का खतरा काफी ज्यादा होता है. दवाइयों, हेल्दी डाइट और एक्सरसाइज से हड्डियों को टूटने से बचाया जा सकता है और इन्हें मजबूत भी बनाया जा सकता है.


ऑस्टियोपोरोसिस के लक्षण- 

ये हैं ऑस्टियोपोरोसिस के कुछ लक्षण

- बैक पेन
- वजन का कम होना
- बॉडी पॉश्चर में झुकाव
- हड्डियां का काफी आसानी से टूट जाना

ऑस्टियोपोरोसिस के कारण

हमारे शरीर में मौजूद हड्डियां निरंतर अपना काम करती रहती हैं. जब आप जवान होते हैं तो आपका शरीर तेजी से हड्डियों की मरम्मत करता है और उन्हें रिफॉर्म करता है. लेकिन 20 साल की उम्र के बाद से ये प्रोसेस धीरे हो जाता है. जैसे-जैसे लोगों की उम्र बढ़ती है, हड्डियों का निर्माण काफी स्लो हो जाता है. 

रिस्क फैक्टर

ऐसे बहुत से कारण हैं जिनकी वजह से ऑस्टियोपोरोसिस की समस्या का सामना करना पड़ सकता है जैसे- 

जेंडर- पुरुषों की तुलना में महिलाओं को ऑस्टियोपोरोसिस बीमारी का खतरा काफी ज्यादा होता है. 

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उम्र- जैसे-जैसे उम्र बढ़ती जाती है ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा भी बढ़ता जाता है. 

रंग- माना जाता है कि व्हाइट और एशियन लोगों में ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा ज्यादा होता है. 

फैमिली हिस्ट्री- अगर आपके घर में किसी को पहले से ऑस्टियोपोरोसिस है तो इससे आपमें भी इस बीमारी का खतरा बढ़ जाता है. 

बॉडी साइज- पुरुषों और महिलाओं, जिनकी बॉडी साइज छोटा होता है उनमें ऑस्टियोपोरोसिस होने का खतरा काफी ज्यादा होता है क्योंकि उम्र बढ़ने से साथ ही इनका बॉडी मास कम हो सकता है.

डाइट्री फैक्टर

 इन लोगों में होता है ऑस्टियोपोरोसिस का सबसे ज्यादा खतरा

कम कैल्शियम का सेवन- शरीर में कैल्शियम की मात्रा कम होने के कारण ऑस्टियोपोरोसिस होने का खतरा काफी ज्यादा होता है. शरीर में कैल्शियम की कमी से हड्डियां कमजोर होने लगती हैं जिस कारण यह आसानी से टूट जाती हैं.

ईटिंग डिसऑर्डर- यह एक तरह का मेंटल डिसऑर्डर है जिसमें व्यक्ति या तो बहुत ज्यादा खाता है या इतना कम खाता है कि उसका वजन काफी कम होता है जिससे बॉडी मास घट जाता है.


 

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