21वीं सदी को डिजिटल युग भी कहा जा सकता है क्योंकि इसमें तकनीक में हुए आधुनिकीकरण के चलते सभी कुछ डिजिटल हो गया है. आजकल बच्चों की पढ़ाई से लेकर बिजली का बिल भरने तक जैसे सभी काम ऑनलाइन होने लगे हैं. इसकी वजह से सभी वर्ग के लोगों की आंखों के आगे घंटों-घंटों तक मोबाइल, लैपटॉप या कंप्यूटर रहते हैं. मोबाइल और लैपटॉप के घंटों इस्तेमाल के कारण आंखों के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ रहा है और आंखों में थकान की समस्या भी देखी जा रही है.
इस तरह से इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स के इस्तेमाल के कारण आंखों की थकeन की समस्या एक चिंता की तरह उभर कर आई है. मोबाइल, लैपटॉप, टैबलेट्स आदि सभी गैजेट्स अक्सर तनाव पैदा करते हैं, जिससे ब्लरड विजन, सिरदर्द और आंखों में सूखेपन की परेशानी देखने को मिलती है. लंबे समय तक ब्लू लाइट के संपर्क में रहने से मायोपिया और डिजिटल आई स्ट्रेन सिंड्रोम का खतरा भी बढ़ सकता है. अगर आपको भी इस तरह की कोई भी परेशानी हो रही है, तो ऐसे कई तरीके हैं जिनसे आप इस पर रोक लगा सकते हैं. चलिए जानते हैं सर्दियों के इस मौसम में आप अपनी आंखों को स्वस्थ रखने और उन्हें थकान से बचाने के लिए क्या कर सकते हैं.
अच्छी नींद लें
अच्छी और गहरी नींद लेना आपकी आंखों की ताजगी के लिए जरूरी सबसे महत्वपूर्ण कारकों में से एक है. अगर आप रात भर गहरी नींद लेंगे तो सुबह आपकी आंखों और दिमाग को आराम महसूस होगा. देर रात तक मोबाइल फोन का इस्तेमाल करने से थकान हो सकती है. यह आपकी आंखों की ओवरऑल हेल्थ को खतरे में डालने जैसा है.
स्क्रीन से लें ब्रेक
थोड़े-थोड़े समय में स्क्रीन (मोबाइल, लैपटॉप या कंप्यूटर) से ब्रेक लेना आपकी आंखों को तरोताजा रखने में काफी मदद कर सकता है. आप अलग-अलग चीजों को देखते हुए अपना ध्यान उनकी तरफ केंद्रित कर सकते हैं, जो आपकी आंखों की मसल्स को स्ट्रेच करने में मदद करेगा. यह तरीका कंप्यूटर पर लंबे समय तक काम करने के दौरान पैदा होने वाले तनाव से निपटने में आपकी मदद कर सकता है. आप अपनी आंखों के स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए कुछ समय के लिए बाहर सूरज की रोशनी में भी समय बिता सकते हैं.
पलकें झपकाना
पलकें झपकाना एक अन्य महत्वपूर्ण कारक है, जो आपकी आंखों को नम रखने में मदद कर सकता है. कंप्यूटर या मोबाइल स्क्रीन के लंबे समय तक संपर्क में रहने से आपकी पलक झपकने का रेट काफी कम हो सकता है, जो आंखों के स्वास्थ्य के लिए अच्छा नहीं माना जाता है. ऐसे में काम करते समय बार-बार पलकें झपकाने की कोशिश करें. ये आपकी आंखों के सूखेपन को कम कर सकता है. पलकें झपकाने से तनाव भी कम होता है क्योंकि यह आपको लंबे समय तक अपने इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की हानिकारक नीली रोशनी में देखने से रोकता है.
लाइटिंग को अपने हिसाब से एडजस्ट करें
आपके आस-पास की रोशनी भी आपकी आंखों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में एक बड़ी भूमिका निभाती है. पढ़ते या लिखते समय लाइट सोर्स को अपने पेज या किताब पर रखने का प्रयास करें. यदि आप डेस्क पर हैं तो शेडेड लाइट का इस्तेमाल करने से लाइट को सीधे आपकी आंखों में जाने से रोका जा सकता है. टीवी देखते समय, आप अपनी आंखों को आराम देने के लिए कमरे में हल्की रोशनी रख सकते हैं.