येल स्कूल ऑफ मेडिसीन की भारतवंशी शोधकर्ता आकृति गुप्ता का कहना है कि पुरुषों की तुलना में महिलाओं को हृदयाघात के बाद अस्पताल में ज्यादा समय बिताना पड़ता है और अस्पताल में ज्यादातर हार्ट अटैक की शिकार महिलाओं की मौत होती है.
गुप्ता ने कहा, 'कम उम्र की महिलाएं हार्ट अटैक की आसान शिकार होती हैं. कम उम्र के पुरुषों से ज्यादा कम उम्र की महिलाओं को हार्ट अटैक के बाद अधिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है.' गुप्ता और उनकी टीम ने 2001-10 के बीच हार्ट अटैक के कारण अस्पताल में भर्ती होनेवाली 2,30,684 महिलाओं के बारे में जानकारी इकट्ठी की, जिनकी उम्र 30-54 के बीच थी.
अपने अध्ययन में पाया कि 55 साल से कम उम्र की महिलाओं का हृदयाघात के कारण अस्पताल में भर्ती होने की दर में उतनी तेजी से गिरावट नहीं आई है, जबकि उम्रदराज लोगों के अस्पताल में भर्ती होन की दर में 20 फीसदी तक गिरावट देखी गई.
अध्ययन में पाया गया कि पुरुषों में उच्च कोलेस्ट्राल की समस्या ज्यादा होती है, वहीं महिलाओं में उच्च रक्तचाप, मधुमेह और दिल की बीमारी की समस्या सबसे ज्यादा होती है. गुप्ता ने कहा, 'शोध से पता चलता है कि हमें कम उम्र की मरीजों में मधुमेह, उच्च रक्तचाप और धूम्रपान जैसे हृदयाघात के खतरों के लिए जागरूकता फैलाने की कितनी ज्यादा जरूरत है.' यह शोध अमेरिकन कॉलेज ऑफ कार्डियोलॉजी के जर्नल में प्रकाशित हुई है.