Carrot Juice For Eye Health: मोबाइल, कम्प्यूटर के सामने लंबे समय तक बैठे रहने की वजह से कम उम्र में ही लोग आंखों की रोशनी कम हो रही है. इस समय बच्चे से लेकर बड़े सभी इस दिक्कत से जूझ रहे हैं और धीरे-धीरे यह समस्या तेजी से बढ़ रही है. आंखों की रोशनी कमजोर होने की वजह से रोजमर्रा के काम करने में लोगों को दिक्कत हो रही है और छोटी उम्र में बच्चों को मोटे-मोटे चश्मे लग जा रहे हैं.
बढ़ते स्क्रीन टाइम के साथ-साथ डाइट में भी इसके पीछे बड़ा रोल है, क्योंकि अब बच्चे हो या बड़े, सभी हेल्दी फूड्स की बजाय जंक फूड खाना ज्यादा पसंद करते हैं. इस वजह से उनकी ओवरऑल हेल्थ पर काफी बुरा असर पड़ता है. आयुर्वेद आचार्य बालकृष्ण ने आंखों की रोशनी बढ़ाने का एक घरेलू नुस्खा इंस्टाग्राम पर अपनी लेटेस्ट पोस्ट के जरिए बताया है.
सर्दियों में मिलने वाली इस लाल सब्जी के जूस को आचार्य बालकृष्ण ने आंखों के लिए बेहतरीन बनाया है, जिसे खाने से मोटे-मोटे चश्मे आपकी आंखों से हट सकते हैं. गाजर आपकी हेल्थ के लिए काफी अच्छी है, इसे खाने से आंखों की रोशनी के साथ-साथ अन्य फायदे भी आपके शरीर को मिलते हैं.
आचार्य बालकृष्ण ने गाजर के जूस को आंखों की रोशनी बढ़ाने के लिए सबसे बेहतरीन बताया है. गाजर में बीटा-कैरोटीन पाया जाता है जो शरीर के अंदर जाते ही विटामिन ए में बदल जाता है. गाजर का जूस आंखों की रोशनी बढ़ाने के साथ ही रतौंधी यानी नाइट ब्लाइडनेस और मोतियाबिंद से रक्षा करता है.
सर्दियों में गाजर भारी मात्रा में मिलती है और रोजाना गाजर का जूस पीने से आंखें हेल्दी रहती हैं. गाजर में विटामिन C, एंटीऑक्सीडेंट और पोटैशियम भी होते हैं जो आंखों की छोटी रक्त वाहिकाओं को स्वस्थ रखते हैं और सूजन कम करते हैं.
डायबिटीज के मरीज
डायबिटीज या हाई शुगर वाले लोगों को गाजर के जूस से परहेज करना चाहिए, क्योंकि इसमें नेचुरल शुगर ज्यादा होती है. इसे पीने से ब्लड शुगर जल्दी बढ़ सकता है.
लिवर के मरीज
फैटी लिवर या फिर लिवर से जुड़ी दूसरी किसी समस्या से पीड़ित लोगों में ज्यादा गाजर का जूस बीटा-कैरोटीन ओवरलोड कर सकता है, जिससे लिवर पर दबाव पड़ता है.
ब्लड पतला करने वाली दवा लेने वाले मरीज
गाजर में विटामिन K भी होता है, जो दवा के असर को बदल सकता है. इसलिए जो लोग खून पतला करने के लिए दवाइयां लेते हैं, उनको यह जूस नहीं पीना चाहिए या फिर डॉक्टर से पूछकर ही पिएं.
एलर्जी वाले लोग
कुछ लोगों को गाजर से ही एलर्जी होती है, अगर ऐसे लोग जूस पी लेते हैं तो होंठ सूजना, खुजली, गले में जलन जैसी समस्या हो सकती है. इसलिए यह लोग भी गाजर से परहेज करें.
एक साल से कम उम्र के बच्चे
छोटे बच्चों में जूस से डायरिया और शुगर स्पाइक का खतरा बढ़ता है. इसलिए इन लोगों को गाजर का जूस कम मात्रा में ही देना सही होता है. हालांकि देने से पहले एक बार डॉक्टर से सलाह जरूर लें.
किडनी स्टोन वाले लोग
गाजर में ऑक्सलेट होता है, जो स्टोन बढ़ा सकता है. इसलिए जिन लोगों को किडनी स्टोन की समस्या हो, उन्हें इस जूस को पीने से पहले डॉक्टर से पूछ लेना चाहिए.
थायरॉयड कम काम करता हो
ज्यादा कैरोटीन थायरॉयड फंक्शन धीमा कर सकता है, इसलिए जिन लोगों का थायरॉयड कम काम करता हो, वो सीमित मात्रा ही लें.
हेल्दी लोग गाजर का जूस 150–200 ml, हफ्ते में 3–4 दिन ही पिएं. रोजाना पीना जरूरी नहीं है और इसे खाली पेट न लें. गाजर के साथ में चुकंदर या सेब न मिलाएं क्योंकि शुगर बढ़ जाती है. हमेशा फ्रेश जूस ही पीना सबसे बेहतर होता है.