वक्फ कानून को चुनौती देने वाली पांच प्रमुख याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आ गया है. सुप्रीम कोर्ट ने कानून पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है. सर्वोच्च न्यायालय ने कुछ प्रावधानों पर रोक भी लगाई है. सुप्रीम कोर्ट के फैसले को याचिकाकर्ता अपने पक्ष में बता रहे हैं. इस पर अब पूर्व केंद्रीय मंत्री और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के वरिष्ठ नेता मुख्तार अब्बास नकवी की भी प्रतिक्रिया आई है.
मुख्तार अब्बास नकवी ने सुप्रीम कोर्ट के अंतरिम फैसले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि वक्फ कानून आस्था के संरक्षण की गारंटी और वक्फ की प्रशासनिक व्यवस्था में ऐतिहासिक सुधार से संबंधित है. उन्होंने आगे कहा कि संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) और संसद के दोनों सदनों में चर्चा के बाद पारित हुआ.
नकवी ने कहा कि संवैधानिक सुधार पर सांप्रदायिक वार करने वाली लूट की लंपट लॉबी 'लूट पर छूट' के लीगल लाइसेंस की बहाली चाहती है. उन्होंने कहा कि वक्फ सुधार वक्त और वक्फ, दोनों की जरूरत है. इस कानून पर चल रहे मंथन से अमृत जरूर निकलेगा. मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि कुछ लोग जमीन के कानून को आसमानी किताब बता कर लूट की लंपट छूट का लीगल लाइसेंस चाहते हैं, जिसकी नाकाबंदी वक्फ सुधार से हुई है.
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उन्होंने यह भी कहा कि इस लूट लॉबी ने वक्फ को 'टच मी नॉट' बना रखा था. उन्होंने कहा कि वक्फ संशोधन कानून, देश का कानून है किसी मजहब का नहीं. पूर्व केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि संसद का एक्ट है, संसद ने ही करेक्ट किया. उन्होंने कहा कि यह सुधार धार्मिक आस्था के संरक्षण, प्रशासनिक व्यवस्था के सुधार का है.
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पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इस समावेशी सुधार पर सांप्रदायिक प्रहार करने वाले ना मुल्क के हितैषी हैं, ना किसी मजहब के. गौरतलब है कि वक्फ कानून को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सीजेआई बीआर गवई की अगुवाई वाली बेंच ने सुनवाई की. कोर्ट ने वक्फ बाय यूजर जैसे प्रावधान खारिज कर दिए और पांच साल प्रैक्टिसिंग इस्लाम के प्रावधान पर भी नियम तय होने तक के लिए रोक लगा दी.