वक्फ कानून को लेकर सुप्रीम कोर्ट में लगातार याचिकाएं दाखिल हो रही हैं. इसी कड़ी में नोएडा निवासी पारुल खेड़ा ने एक नई याचिका सुप्रीम कोर्ट में दायर की है. इस याचिका की खास बात यह है कि इसमें वक्फ कानून को रद्द करने की बजाय इसे और मजबूत और सख्त बनाने की मांग की गई है.
पारुल खेड़ा की इस याचिका में कहा गया है कि 1995 के वक्फ अधिनियम और 2025 के संशोधन में गैर-मुस्लिमों की संपत्तियों को वक्फ भूमि या सरकारी जमीन घोषित किए जाने से बचाने के लिए कोई ठोस व्यवस्था नहीं है.
वक्फ कानून को मजबूत और सख्त बनाने की मांग
याचिका में तर्क दिया गया है कि वक्फ बोर्ड को अतिक्रमण हटाने के लिए धारा 54 और 55 के तहत विशेष अधिकार मिले हुए हैं. वहीं, धारा 89 में किसी मुकदमे से पहले दो महीने का नोटिस देना जरूरी है. लेकिन अन्य धार्मिक संस्थाओं जैसे ट्रस्ट, मठ, मंदिर, अखाड़े या धार्मिक संपत्ति का प्रबंधन देखने वालों के पास ऐसे अधिकार नहीं हैं.
याचिका में मांग की गई है कि वक्फ अधिनियम में ऐसे प्रावधान जोड़े जाएं, जिससे गैर-मुस्लिमों की संपत्ति की सुरक्षा हो सके और सभी धार्मिक संस्थाओं को समान अधिकार मिल सकें.
16 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट में होगी याचिकाओं पर सुनवाई
पारुल खेड़ा के वकील ने बताया कि सोमवार को चीफ जस्टिस की बेंच के सामने इस याचिका पर जल्द सुनवाई की मांग की जाएगी. कोशिश की जाएगी कि बुधवार को वक्फ कानून पर होने वाली सुनवाई में इस याचिका को भी शामिल किया जाए.
बता दें, वक्फ कानून को लेकर देश में मचा घमासान दिन पर दिन बढ़ता जा रहा है. दिल्ली से लेकर कोलकाता और पटना से लेकर भोपाल तक जमकर प्रोटेस्ट हो रहे हैं. एक तरफ विपक्ष सरकार को घेरने में लगा है तो दूसरी तरफ कई मुस्लिम संगठनों का सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है.