महाराष्ट्र के चर्चित भीमा कोरेगांव एल्गार परिषद केस में जेल में बंद सामाजिक कार्यकर्ता और कवि वरवरा राव को बड़ी राहत मिल गई है. सुप्रीम कोर्ट ने भीमा कोरेगांव केस में बंद वरवरा राव को जमानत दे दी है. सुप्रीम कोर्ट ने हेल्थ ग्राउंड पर वरवरा राव को जमानत दे दी है.
सुप्रीम कोर्ट ने ये भी कहा है कि वे किसी भी गवाह के संपर्क में नहीं आएंगे. समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट ने ये भी कहा है कि वरवरा राव संबंधित ट्रायल कोर्ट के क्षेत्र से बगैर कोर्ट की अनुमति के कहीं बाहर नहीं जाएंगे और अपनी रिहाई का दुरुपयोग नहीं करेंगे.
सुप्रीम कोर्ट ने वरवरा राव को जमानत देते हुए कहा कि वे अपनी पसंद से अपना उपचार कराने के हकदार होंगे. कोर्ट ने ये भी निर्देश दिए कि उपचार की जानकारी उन्हें NIA को भी देनी होगी. सुप्रीम कोर्ट ने साथ ही ये भी साफ किया कि जमानत पूरी तरह से मेडिकल ग्राउंड पर दी गई है और इसका इस मामले में अन्य आरोपियों को प्रभावित नहीं करेगा.
सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद महाराष्ट्र की जेल में बंद वरवरा राव की रिहाई का रास्ता साफ हो गया है. गौरतलब है कि 82 साल के वयोवृद्ध कवि और लेखक वरवरा राव पिछले काफी समय से अस्वस्थ चल रहे हैं. वरवरा राव कोरोना की चपेट में भी आ गए थे.
वरवरा राव की ओर से हेल्थ ग्राउंड पर जमानत के लिए लंबे समय से कोशिश की जा रही थी जिसका एनआईए विरोध कर रही थी. अब सुप्रीम कोर्ट ने वरवरा राव को जमानत दे दी है. जिसके बाद हेल्थ ग्राउंड पर वरवरा राव की रिहाई का रास्ता साफ हो गया है.