दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने आज (9 फरवरी) लालू प्रसाद यादव की पत्नी और बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी समेत उनकी दोनों बेटियों को नौकरी के बदले जमीन घोटाले में जमानत दे दी. यह घटनाक्रम राबड़ी देवी और उनकी बेटी मीसा भारती के घोटाले के मामले में सुनवाई के लिए अदालत पहुंचने के बाद हुआ.
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के आरोपपत्र पर संज्ञान लेने के बाद अदालत ने उन्हें तलब किया था. जमानत देते हुए अदालत ने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय ने जमानत अर्जी पर जवाब दाखिल करने के लिए समय मांगा है. अदालत ने यह भी कहा कि हालांकि जांच के दौरान आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया गया था, फिर भी औपचारिक जवाब की आवश्यकता हो सकती है.
वकील ने जमानत के पक्ष में दी ये दलील
राबड़ी देवी और उनकी बेटियों के वकील ने दलील देते हुए कहा था कि वे जमानत के हकदार हैं. इससे पहले 30 जनवरी को सीबीआई ने अदालत को बताया था कि वह लालू प्रसाद और उनके परिवार के सदस्यों के खिलाफ रेलवे में नौकरी के बदले जमीन घोटाले से संबंधित एक मामले में एक महीने के भीतर पूरक आरोप पत्र दायर करेगी.
फरवरी के अंत में जमा होगी अंतिम रिपोर्ट
जांच के दौरान जब्त किए गए 13 लाख रुपये जारी करने के लिए राजद नेता अहमद अशफाक करीम ने एक आवेदन दाखिल किया था. इस पर जवाब देते हुए सीबीआई ने अदालत से कहा कि फरवरी के अंत तक अंतिम रिपोर्ट दाखिल कर दी जाएगी. अदालत ने पूरक आरोप पत्र दाखिल होने तक आवेदन को लंबित रखा है. यह मामला 27 फरवरी को सूचीबद्ध किया गया है.