उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में दर्दनाक अतीत में जी रही महिला को अदालत ने न्याय दिया है. 30 साल पहले जब वो 12 साल की थी तब दो सगे भाइयों ने उसके साथ दुष्कर्म किया था. अदालत ने मंगलवार को दोनों भाइयों को 10-10 वर्ष के कारावास की सजा सुनाई साथ ही 30-30 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया. दोषियों को सजा की खबर सुनते ही पीड़िता की आंखों में आंसू आ गए. उसने कहा कि इतने साल जिंदगी घुट-घुट कर काटी अब इन दरिंदों की बारी है.
बता दें, 1994 में दो युवकों ने 12 साल की किशोरी के साथ दुष्कर्म किया था और 13 साल की उम्र में वह मां बनी. पीड़िता ने अपने बेटे के कहने पर तीन साल पहले कोर्ट में प्रार्थना पत्र दिया था. डीएनए मिलान के बाद अब कोर्ट ने दोषियों के खिलाफ फैसला सुनाया. अपर जिला जज ने दोनों अभियुक्तों को 10-10 वर्ष के साश्रम कारावास की सजा के साथ 30-30 हजार रुपये का जुर्माना लगाया.
30 साल बाद मिली रेप के आरोपियों को सजा
शासकीय अधिवक्ता राजीव अवस्थी ने बताया कि वर्ष 1994 का यह मामला है. जब पीड़िता अपने बहनोई के घर पर रहती थी बहन और बहनोई नौकरी पर चले जाते थे तब 12 साल की नाबालिक के साथ पड़ोस में रहने वाले नकी हसन और उसका भाई गुड्डू जबरन उसके घर में घुसकर दुष्कर्म करते थे. दोनों की हैवानियत के कारण उसे बिन ब्याही मां बनना पड़ा था. 13 साल की उम्र में नवजात बेटे को दूसरों के हाथों में सौंपकर बालिग होने के बाद उसकी शादी कराई गई. लेकिन जब पीड़िता के पति को इस घटना का पता चला तो उसने शादी तोड़ दी.
घटना के 27 वर्ष बाद पीड़िता के बेटे के कहने पर कोर्ट पहुंची और न्याय की गुहार लगाई. कोर्ट आदेश पर थाना सदर बाजार में 5 मार्च 2021 को एफआईआर दर्ज की. 3 साल की सुनवाई के बाद मंगलवार को अपर सत्र न्यायाधीश लवी यादव ने दोषी नकी हसन और उसके भाई गुड्डू को 10-10 वर्ष के साश्रम कारावास की सजा सुना दी साथ ही 30 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया.
DNA मैच के बाद पुलिस ने सगे भाइयों को गिरफ्तार किया
इस मामले में एसपी ग्रामीण मनोज अवस्थी का कहना है कि 30 वर्ष पुराने इस प्रकरण में 3 साल पहले एफआईआर दर्ज की गई थी. जिसमें डीएनए मैच होने के बाद आरोपियों को गिरफ्तार किया गया. तब जाकर कोर्ट ने दोनों अभियुक्तों को सजा सुनाई.