सपा नेता आजम खान को इलाहाबाद हाई कोर्ट से बड़ी राहत मिल गई है. उन्हें लंबे समय बाद जमानत दे दी गई है. कोर्ट ने उनकी जमानत याचिका को मंजूर कर दिया है. पिछले दो साल से सपा नेता सीतापुर जेल में बंद हैं.
जिस मामले में आजम खान की जमानत याचिका मंजूर हुई है वो वक्फ बोर्ड की संपत्ति गलत तरीके से कब्जा करने को लेकर है. इस मामले में आखिरी बार पांच मई को सुनवाई हुई थी. तब फैसले को सुरक्षित रख लिया गया था. लेकिन अब सपा नेता को आखिरकार इस मामले में राहत दे दी गई है. इससे पहले उन्हें 71 मामलों में पहले ही जमानत दी जा चुकी है.
जमानत मिली लेकिन जेल यात्रा जारी
वैसे ये जमानत मिलने के बाद भी आजम जेल से बाहर नहीं आने वाले हैं. कुछ दिन पहले ही बीजेपी नेता आकाश सकसेना ने उनके खिलाफ एक शिकायत दर्ज करवाई थी. आरोप लगाया गया कि आजम खान ने रामपुर पब्लिक स्कूल की बिल्डिंग का सर्टिफिकेट फ़र्ज़ी बनवा कर मान्यता प्राप्त की थी. अब उसी मामले में अभी तक कोर्ट में सुनवाई नहीं हुई और आजम खान का जेल से बाहर आने का समय लंबा होता जा रहा है.
अब जानकारी के लिए बता दें कि इस नए मामले में 19 मई को रामपुर कोर्ट में सुनवाई होने जा रही है. इस मामले में उन्हें राहत मिलती है या फिर झटका, इस पर सभी की नजर रहेगी. अगर ये मामला भी पिछले केसों की तरह ज्यादा लंबा खिचता है तो दो साल बाद भी आजम खान सीतापुर जेल से बाहर नहीं आ पाएंगे. वैसे आजम खान की जेल यात्रा जरूर लंबी होती जा रही है, लेकिन उनके बेटे अब्दुल्ला आजम खान को इसी साल जनवरी में 23 महीने बाद सीतापुर जिला कारागार से बाहर आने का मौका मिल गया था. उन्हें तब 43 मामलों में जमानत दी गई थी.
आजम खान की जमानत पर राजनीति
वैसे आजम खान की जमानत अपने आप में एक राजनीतिक मुद्दा बन चुका है. सपा के अंदर ही उनकी जमानत को लेकर बवाल देखने को मिल रहा है. आजम खान के मीडिया सलाहकार फसाहत अली ने अखिलेश यादव पर बड़ा आरोप लगा दिया है. उन्होंने दावा कर दिया कि सपा प्रमुख नहीं चाहते कि आजम खान जेल से बाहर आएं. इस वजह से कई मुस्लिम नेता सपा का दामन छोड़ चुके हैं.