झारखंड हाईकोर्ट की खंडपीठ ने IPS अमरजीत बलिहार हत्याकांड में दो नक्सलियों की फांसी की सजा को लेकर अलग-अलग राय दी है. जस्टिस संजय प्रसाद ने दोषियों सुखलाल उर्फ प्रवीर मुर्मू और सनातन बास्की उर्फ ताला दा की फांसी की सजा को सही ठहराया और सरकार की अपील को स्वीकार कर सजा को बरकरार रखा है. वहीं जस्टिस रंगन मुखोपाध्याय ने इन दोनों को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया.
अब यह मामला चीफ जस्टिस के पास जाएगा, जहां दूसरी बेंच इस पर सुनवाई करेगी. जस्टिस संजय प्रसाद ने अपने आदेश में शहीद एसपी अमरजीत बलिहार के परिजनों को 2 करोड़ रुपये मुआवजा देने का निर्देश दिया है. साथ ही पांच अन्य शहीद पुलिसकर्मियों के परिजनों को 50-50 लाख रुपये मुआवजा देने का आदेश दिया है.
नक्सलियों की फांसी की सजा को लेकर अलग-अलग राय
इसके अलावा एसपी बलिहार के पुत्र या पुत्री को डिप्टी एसपी या डिप्टी कलेक्टर के पद पर नियुक्त करने और उम्र सीमा में छूट देने का निर्देश दिया गया है. अन्य शहीद पुलिसकर्मियों के परिजनों को उनकी योग्यता के अनुसार पुलिस विभाग में नौकरी देने को भी कहा गया है.
शहीद पुलिसकर्मियों के परिजनों को 50 लाख रुपये का मुआवजा
जज ने यह आदेश राज्य सरकार के मुख्य सचिव, गृह विभाग के प्रधान सचिव और डीजीपी सहित अन्य अधिकारियों को भेजने का निर्देश दिया है.