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सुशांत की बहन की भावुक कविता, ‘वो कलाई नहीं जिस पर राखी बांध सकूं..’

सुशांत की बहन की भावुक कविता, ‘वो कलाई नहीं जिस पर राखी बांध सकूं..’

सुशांत की बहन रानी ने राखी के मौके पर भाई को याद करते हुए कविता लिखी है. अपने छोटे भाई सुशांत को याद करते हुए रानी ने लिखा है.गुलशन, मेरा बच्चा.. आज मेरा दिन है, आज तुम्हारा दिन है… पैंतीस साल के बाद ये पहला अवसर है जब पूजा की थाल सजी है. आरती का दिया भी जल रहा है, हल्दी-चंदन का टीका भी है, मिठाई भी है. राखी भी है. बस वो चेहरा नहीं है जिसकी आरती उतार सकूं. देखें 9 बज गए.

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