उत्तराखंड में भूस्खलन की घटनाओं में भारी वृद्धि दर्ज की गई है. इसरो के आंकड़ों के अनुसार, 2023 में 1100 भूस्खलन हुए, जो पिछले वर्षों की तुलना में तीन गुना अधिक हैं. 2018 में 216, 2019 में 254, 2020 में 328, 2021 में 354 और 2022 में 245 भूस्खलन दर्ज किए गए थे. विशेषज्ञों के अनुसार, बादल फटने और अत्यधिक बारिश की घटनाओं में वृद्धि इसका एक प्रमुख कारण है, जिसकी आवृत्ति दोगुनी हो गई है.