उत्तराखंड की सिल्क्यारा सुरंग में फंसे मजदूरों को झारखंड सरकार एअरलिफ्ट करेगी. सुरंग में झारखंड के करीब 15 मजदूर फंसे हैं. बचाव स्थल पर मौजूद झारखंड श्रम विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि राज्य सरकार ने अपने श्रमिकों को हवाई मार्ग से ले जाने की योजना बनाई है.
एक अन्य अधिकारी ने कहा कि श्रमिकों को उत्तरकाशी के चिल्यानिसौर के एक अस्पताल ले जाया जाएगा, जहां 41 बेड का अलग वार्ड तैयार किया गया है. वहां उनका मेडिकल चेकअप होगा. इसके आधार पर उन्हें अपने घरों को वापस जाने की अनुमति दी जाएगी. सिल्क्यारा टनल में झारखंड, बिहार, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, ओडिशा, हिमाचल प्रदेश, पश्चिम बंगाल और असम के मजदूर फंसे हैं.
बता दें कि सिल्क्यारा सुरंग में फंसे 41 लोगों को बचाने के लिए कई एजेंसियां काम कर रही हैं. दिल्ली में एक आधिकारिक अपडेट में कहा गया कि उत्तरकाशी में सुरंग के पास मलबे में एस्केप पाइप डाला गया था. अब कुछ ही मीटर मलबा खोदा जाना बाकी है.
मौके पर मौजूद एनडीआरएफ की टीम
सुरंग में रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा होने में लोहे का स्ट्रक्चर रेस्क्यू ऑपरेशन में बाधा बन गया था. इसी वजह से अभियान में देरी हो हुई. इस लोहे की संरचना को हटाने के लिए एनडीआरएफ द्वारा गैस कटर का उपयोग किया गया और काटकर इसे हटा दिया गया.
12 नवंबर को हुआ था हादसा
आपको बता दें कि उत्तरकाशी जिला मुख्यालय से करीब 30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित सिलक्यारा सुरंग केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी चारधाम ‘ऑल वेदर सड़क' परियोजना का हिस्सा है. ब्रह्मखाल-यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर बन रही यह सुरंग 4.5 किलोमीटर लंबी है. 12 नवंबर को सुरंग का एक हिस्सा ढह गया. इससे मजदूर सुरंग के अंदर ही फंस गए. इन्हें निकलने के लिए 12 दिन से रेस्क्यू अभियान जारी है.
उत्तरकाशी में सिलक्यारा टनल में 8 राज्यों के 41 मजदूर फंसे हैं. इसमें उत्तराखंड के 2, हिमाचल प्रदेश का 1, यूपी के 8, बिहार के 5, पश्चिम बंगाल के 3, असम के 2, झारखंड के 15 और ओडिशा के 5 मजदूर हैं.