उत्तराखंड की पर्यटन नगरी नैनीताल में नाबालिग से रेप के 65 वर्षीय आरोपी मोहम्मद उस्मान को हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है. नगर पालिका की ओर से उस्मान को जारी अतिक्रमण हटाने के संबंध में जारी नोटिस को वापस लिया जाएगा. नगर पालिका ने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों का पालन न करने की अपनी गलती स्वीकार की है.
मो. उस्मान के वकील डॉ. कार्तिकेय हरि गुप्ता ने नोटिस को हाईकोर्ट में चुनौती देते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट के स्पष्ट निर्देश हैं कि अतिक्रमण हटाने से पहले 15 दिन का नोटिस देना अनिवार्य है. लेकिन नगर पालिका ने केवल तीन दिन का समय दिया, जबकि आरोपी जेल में है. इसके अलावा, क्षेत्र के कई अन्य लोगों को भी नोटिस जारी किए गए हैं.
इस मामले की सुनवाई के लिए मुख्य न्यायाधीश जी. नरेंद्र और न्यायमूर्ति रवींद्र मैठाणी की विशेष पीठ गठित की गई थी. सुनवाई के दौरान वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) प्रह्लाद नारायण मीणा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से और नैनीताल नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी प्रथम व द्वितीय कोर्ट में उपस्थित हुए.
सुनवाई के दौरान नगर पालिका ने तीन दिन का समय दिए जाने वाले नोटिस पर अपनी गलती स्वीकार करते हुए नोटिस वापस लेने की जानकारी कोर्ट को दी.
हाईकोर्ट ने दुष्कर्म के आरोपी की गिरफ्तारी के बाद नैनीताल में हुए विरोध प्रदर्शन पर कड़ी नाराजगी जताई और एसएसपी सहित पुलिस विभाग को कड़ी फटकार लगाई.
उत्तराखंड हाईकोर्ट ने ऐसे मामलों में सख्ती से निपटने की सलाह दी. मामले की अगली सुनवाई मंगलवार यानी 6 मई को होगी. उस दिन पुलिस और नगर पालिका को कोर्ट के आदेशों के पालन की रिपोर्ट पेश करनी है.