लोकसभा चुनाव में सपा की करारी हार की गाज आखिरकार जिला इकाइयों पर गिर ही गई. पुलिस और प्रशासनिक तंत्र में बड़े फेरबदल के अगले ही दिन मुख्यमंत्री और सपा के प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश यादव ने आठ जनपदों को छोड़कर प्रदेश की शेष सभी जिला और शहर इकाइयां तत्काल प्रभाव से भंग कर दीं. सभी 14 प्रकोष्ठों के जिला, महानगर अध्यक्ष और उनकी कार्यकारिणी भी भंग कर दी गई है.
प्रदेश में पूर्ण बहुमत की सरकार होने के बावजूद सपा को लोकसभा चुनाव में करारी हार का सामना करना पड़ा. उसे केवल पांच सीटें ही मिल सकीं. दो सीटों पर सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव जीते और तीन अन्य पर उनके परिवार के सदस्य. प्रत्याशियों, विधायकों और अन्य नेताओं के साथ हार की समीक्षा के दौरान दर्जाधारी मंत्रियों, प्रदेश पदाधिकारियों और जिला संगठन के ओहदेदारों पर खूब अंगुलियां उठी थीं. कई नेताओं ने पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों को हार के लिए जिम्मेदार बताया था.
सपा ने सबसे पहले 36 दर्जाधारी मंत्रियों को उनके पदों से हटाया और फिर अध्यक्ष को छोड़कर पूरी प्रदेश इकाई भंग कर दी. रविवार को बारी पार्टी संगठन की थी. अखिलेश यादव ने 85 जिला व शहर इकाइयों और जिला प्रकोष्ठों को तत्काल प्रभाव से भंग कर दिया. केवल आठ जनपदों में संगठन को बहाल रखा गया है. इन जिलों में पांच में सपा प्रत्याशी विजयी रहे थे, जबकि दो में सपा ने चुनाव ही नहीं लड़ा था. रामपुर इकलौता जिला है, जहां चुनाव हारने के बाद जिला इकाई को भंग नहीं किया गया. जिला स्तर पर सपा के सभी 14 प्रकोष्ठों को भी अध्यक्षों समेत भंग कर दिया गया है.
सपा अध्यक्ष जल्द ही जिला से प्रदेश स्तर तक संगठन की ओवरहॉलिंग करेंगे. चुनावों में भितरघात करने वालों को संगठन में जगह नहीं मिलेगी. फ्रंटल संगठनों में भी जल्द नियुक्तियां होने की संभावना है.