बसपा के सांसद धनंजय सिंह को दिल्ली की एक अदालत ने घरेलू सहायिका की हत्या के मामले में दो महीने के लिए अंतरिम जमानत दे दी. धनंजय और उनकी पत्नी जागृति सिंह के खिलाफ उनकी घरेलू सहायिका की हत्या के मामले में आरोप पत्र दाखिल किया गया है.
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश लोकेश कुमार शर्मा ने उत्तर प्रदेश में जौनपुर संसदीय क्षेत्र के मौजूदा सांसद धनंजय को एक लाख रुपये के निजी मुचलके और इतनी ही राशि की दो जमानत राशि पर जमानत दे दी.
हालांकि अंतरिम जमानत मिलने के बावजूद धनंजय को न्यायिक हिरासत के तहत तिहाड़ जेल में ही रहना होगा, क्योंकि उसके खिलाफ बलात्कार का एक अन्य मामला भी चल रहा है, जिसमें उसे जमानत नहीं मिली है. धनंजय को पिछले साल 5 नवंबर को गिरफ्तार किया गया था. बहस के दौरान दिल्ली पुलिस ने धनंजय की जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा कि उसे जमानत देने का कोई नया आधार या परिस्थितियों में बदलाव नहीं आया है.
पुलिस ने हालांकि अदालत को बताया कि मामले के दो प्रमुख गवाहों को पिछले वर्ष मजिस्ट्रेटी अदालत के फैसले के अनुसार सुरक्षा दी जा रही है. इस पर वरिष्ठ एडवोकेट हरिहरन और एडवोकेट त्रिपाठी, जो धनंजय की तरफ से पेश हुए, ने दलील दी कि मामले में अभियोजन के दो प्रमुख गवाहों को जब पहले ही पुलिस द्वारा सुरक्षा दी जा रही है तो जमानत पर छूटने के बाद धनंजय के उन्हें धमकाने की कोई गुंजाइश नहीं है.
बचाव पक्ष ने यह दलील भी दी कि इस बात की कोई संभावना नहीं है कि सांसद सुबूतों के साथ छेड़छाड़ करेंगे या गवाहों को धमकाएंगे. उन्होंने कहा कि धनंजय को अपने बीमार पिता की देखभाल करनी है और चूंकि आरोप पत्र पहले ही दाखिल किया जा चुका है, इसलिए उनके मुवक्किल को हिरासत में रखने का कोई औचित्य नहीं है.