मथुरा कांड और सहारनपुर हिंसा को लेकर उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था पर उठते सवालों पर मुख्यमंत्री योगी आदित्याथ ने शुक्रवार को सदन में जवाब दिया. योगी ने कहा कि प्रदेश में दलितों के मंदिर में प्रवेश पर रोक नहीं है. होना भी नहीं चाहिए लेकिन अगर कहीं दलितों को रोका गया, तो मैं जाकर मंदिर में उनका प्रवेश कराऊंगा.
मंदिर-गौ हत्या की बात करिए, साथ देगा RSS
उन्होंने कहा कि समाजवादी लोग गौ हत्या का विरोध करिए, मंदिर की बात करिए, राष्ट्रवाद की बात करिए. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ आपके साथ खड़ा होगा. इसके साथ ही योगी ने तीन तलाक पर भी अपनी बात रखी और समाजवादियों से कहा कि वे तीन तलाक का विरोध करें.
'RSS न होता, तो वंदेमातरम भूल गए होते लोग'
सीएम योगी ने कहा कि जो गलत है वो गलत है. समाजवादी लोग तय करें कि क्या मुस्लिम महिलाओं को न्याय नहीं मिलना चाहिए. समाजवादी लोगों को भी ट्रिपल तलाक का विरोध करना चाहिए. उन्होंने कहा कि सदन में वंदेमातरम् सुनकर अच्छा लगा. अगर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ नहीं होता तो लोग वंदेमातरम् को भूल गए होते.
गरीब के बच्चे को पहना दी होमगॉर्ड की यूनिफॉर्म
अखिलेश सरकार में स्कूली बच्चों को खाकी रंग की पोशाक पहनाने पर योगी ने कहा कि गरीब के बच्चों को होमगॉर्ड की यूनिफॉर्म पहना दी. दया आती है. हमने कॉन्वेंट स्कूल की तर्ज पर ड्रेस तय किया है. जूता भी देंगे. बैग भी देंगे और आने वाले समय में बदले पाठ्यक्रम के साथ बच्चा पढ़ेगा.
मुख्यमंत्री ने कहा कि बच्चों को स्कूली यूनिफॉर्म और किताबें सितंबर-अक्टूबर में दी जाती थी, यह बदलेगा. इसमें जिसने भी डकैती के बारे में सोचा. उसे बुक कर देंगे.
मजहब या जाति विशेष की नहीं है सरकार
दो महीने में सरकार पर उठ रहे सवालों पर उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने 5 वर्ष और 10 वर्षों तक शासन किया है. वह हमसे दो महीने में 100 साल का हिसाब मांग रहे हैं. यह सरकार बीजेपी और सहयोगी दलों की है. किसी मजहब या जाति विशेष की नहीं है.
अपने भविष्य के बारे में सोचे अपराधी
उन्होंने कहा कि हम तय कर चुके हैं कि प्रदेश में अपराध की जगह नहीं होगी, न ही अपराधियों के संरक्षण की. अगर किसी ने गरीब, व्यापारी या किसी का भी उत्पीड़न करेगा, तो उसे अपने भविष्य के बारे में सोचना होगा.
सपा-बसपा पर भारी है दो महीने का कार्यकाल
सरकार ने सर्वांगीण विकास और सुशासन की बात कही है। इस दो महीने में सरकार ने कुछ काम करने का प्रयास किया है। दो महीने का कार्यकाल ज्यादा नहीं है, लेकिन यह दो महीने सपा और बसपा के कार्यकाल पर भारी पड़ता दिखाई देता है.
बता दें कि सहारनपुर हिंसा में दलितों पर हमले और उनके 50 से ज्यादा घर जलाने का मामला सामने आया था. दूसरी ओर 9 मई को सहारनपुर में दलितों के संगठन भीम आर्मी के कार्यकर्ताओं और सदस्यों पर भी हिंसा पर फैलाने का आरोप है.