अखिलेश सरकार द्वारा कब्रिस्तानों की चहारदीवारी का विरोध करने वाली बीजेपी रामलीला मैदानों पर मेहरबान होती दिख रही है. योगी सरकार ने प्रदेश के सभी सरकारी जमीनों पर बनी रामलीला मैदान की बाउंड्री के निर्माण का बीड़ा उठाया है.
योगी सरकार ने सोमवार को पेश किए गए अनुपूरक बजट में रामलीला मैदानों की चहारदीवारी और गोसंरक्षण केंद्र, गौशाला के लिए 54 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है. इसके तहत उन्हीं रामलीला मैदान की चहारदीवारी की जाएगी जो सरकारी जमीनों पर बने हैं. इसके अलावा प्रदेश के 68 जनपदों में गोसंरक्षण केंद्र के लिए सरकार ने कदम उठाया है. प्रदेश के नगर निगमों में कान्हा गौशाला के लिए 20 करोड़ रुपये आवंटित किया है.
योगी सरकार ने रामलीला मैदानों की घेराबंदी के लिए जो तर्क दिए हैं, ये उसी तरह से हैं जिस प्रकार अखिलेश यादव कब्रिस्तान की घेराबंदी के वक्त देते रहे थे. सरकारी जमीनों को अवैध कब्जे से बचाने के लिए किया जा रहा है. बीजेपी के मुताबिक शहर-शहर में रामलीला मैदान हैं, लेकिन सभी जर्जर अवस्था में है. ऐसे में रामलीला मैदानों की मरम्मत और उसकी चहारदीवारी कराना जरूरी है.
बता दें कि अखिलेश राज में कब्रिस्तानों की घेराबंदी को बीजेपी ने 2017 के विधानसभा चुनाव में बड़ा मुद्दा बनाया था. इसे लेकर बीजेपी के छोटे बड़े सभी नेताओं ने समाजवादी पार्टी पर जमकर हमले किए थे. अब योगी सरकार भी उसी राह पर कदम बढ़ा दिए हैं.
बीजेपी प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी कहते हैं कि "हमने कभी कब्रिस्तान की घेराबंदी का विरोध नहीं किया लेकिन हमने अखिलेश सरकार की उस दोगली नीति की आलोचना जरूर की है. कब्रिस्तान के लिए तो उनके पास पैसा था लेकिन श्मशान घाटों के लिए उन्होंने कुछ नहीं किया. उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि प्रदेश में जर्जर हालत में पहुंच चुके रामलीला मैदानों को ठीक किया जाए और इनकी चहारदीवारी जल्द से जल्द बनाई जाए.
लखनऊ का मशहूर रामलीला मैदान जो ऐशबाग में स्थित है उसकी चहारदीवारी ऊंची की जाएगी. प्रदेश सरकार ने रामलीला मैदानों के लिए पहली बार एकमुश्त रकम का ऐलान किया है.
समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता अनुराग भदौरिया कहते हैं रामलीला मैदानों की घेराबंदी योगी सरकार कराएं इससे कोई विरोध नहीं है. यह तो रूटीन काम है सरकार को इसे कराना चाहिए. रामलीला मैदान से ज्यादा जरूरी इस वक्त राज्य में बढ़ रहे महिलाओं पर अत्याचार और समुदायों के बीच फैल रही नफरत बड़े मुद्दे हैं. इन्हें लेकर योगी सरकार कुछ नहीं कर रही है.