उत्तर प्रदेश के गृह विभाग ने राज्य के एक जेलर और एक डिप्टी जेलर को बर्खास्त कर दिया है. बाहुबली मुन्ना बजरंगी की हत्या के दौरान बागपत जेल के जेलर उदय प्रताप सिंह को जांच के बाद बर्खास्त किया गया है.
जुलाई 2018 में बागपत जेल में माफिया डॉन मुन्ना बजरंगी की कुख्यात अपराधी सुनील राठी ने गोली मारकर हत्या कर दी थी. यूपी के प्रमुख सचिव (गृह) अरविंद कुमार ने तत्कालीन जेलर उदय प्रताप सिंह को बर्खास्त करने का आदेश दिया था. इसके अलावा डिप्टी जेलर धीरेंद्र कुमार सिंह भी बर्खास्त किए गए हैं.
कौन था मुन्ना बजरंगी
मुन्ना बजरंगी का असली नाम प्रेम प्रकाश सिंह है. उसका जन्म 1967 में यूपी के जौनपुर जिले के पूरेदयाल गांव में हुआ था. उसने 5वीं कक्षा के बाद पढ़ाई छोड़ दी थी. छोटी उम्र में ही मुन्ना जुर्म की दुनिया में पहुंच गया. उसे हथियार रखने का बड़ा शौक था. वह एक बड़ा गैंगेस्टर बनना चाहता था. उसे जौनपुर के स्थानीय दबंग माफिया गजराज सिंह का संरक्षण मिला. 1984 में मुन्ना ने लूट के लिए एक व्यापारी की हत्या की. फिर जौनपुर के भाजपा नेता रामचंद्र सिंह का कत्ल किया.
90 के दशक में वो बाहुबली माफिया और राजनेता मुख्तार अंसारी के गैंग में शामिल हो गया. वो सरकारी ठेकों को प्रभावित करने लगा. मगर बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय उनके लिए चुनौती बनने लगे. मुन्ना ने मुख्तार के कहने पर 29 नवंबर 2005 को कृष्णानंद राय को भून डाला था.