उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली सरकार धार्मिक स्थलों के विकास को लेकर काफी सक्रिय रही है. अब योगी सरकार अयोध्या धाम और उसके आसपास के इलाकों के विकास को लेकर भी गंभीर नजर आ रही है. जानकारी के मुताबिक योगी सरकार ने धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से लखनऊ से अयोध्या के रास्ते में रामायण संग्रहालय और सांस्कृतिक केंद्र का निर्माण कराने के प्रस्ताव को हरी झंडी दे दी है.
जानकारी के मुताबिक रामायण संग्रहालय और सांस्कृतिक केंद्र बनाने के लिए संस्कृति विभाग को बाराबंकी जिले के गांव भवनियापुर खेवली में तकरीबन 10 एकड़ जमीन भी मिल चुकी है. अब इस जमीन पर अंतरराष्ट्रीय स्तर का संग्रहालय और सांस्कृतिक केंद्र बनाने की तैयारी है. योगी सरकार की इस महत्वाकांक्षी परियोजना पर करीब डेढ़ सौ करोड़ रुपये की लागत आने की उम्मीद है.
बताया जाता है कि रामायण संग्रहालय और सांस्कृतिक केंद्र के परिसर में रामायण काल के वृक्ष भी लगाए जाएंगे जिनमें मुख्य रूप से अशोक का पेड़ और कंदमूल फल भी शामिल हैं. इस परिसर में आध्यात्मिक गतिविधियां भी होंगी. हर रोज सुबह और शाम यानी दोनों समय सामूहिक भजन का आयोजन होगा जिसमें भगवान श्रीराम और हनुमान के भजनों का गायन होगा.
रामायण संग्रहालय तैयार होने के बाद परिसर में रामचरितमानस के सातों कांड वीडियो के जरिए दर्शाए जाएंगे. साथ ही साथ चौपाई और दोहे का सस्वर पाठ भी सुनने को मिलेगा. इतना ही नहीं, यहां लोक व्यंजन की शुरुआत करने की भी तैयारी है. अलग-अलग राज्यों के अलग-अलग जगह और पड़ोसी देश श्रीलंका के व्यंजन भी यात्रियों को परोसे जाएंगे. अयोध्या शोध संस्थान रामलीला का आयोजन करवाएगा.