समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव और उनके चाचा शिवपाल के बीच जुबानी जंग तीखी होती जा रही है. समाजवादी पार्टी में जारी इस झगड़े में अब आजम खान भी एक मुद्दा बन गए हैं. इस कड़ी में आज फिर शिवपाल ने चेतावनी भरे अंदाज में अखिलेश यादव पर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि आजम खान के मुद्दे पर वो अब संत हृदय मुख्यमंत्री (योगी आदित्यनाथ) से मिलेंगे.
आज तक से खास बातचीत में शिवपाल ने कहा, 'अखिलेश यादव कहते हैं कि मैं जल्दी बीजेपी में चला जाऊं... अब कहते हैं कि संगठन मजबूत करूं...तो हम अपना संगठन फिर से मजबूत कर रहे हैं. शिवपाल ने कहा कि वो तो समाजवादी पार्टी से लड़े थे. लेकिन अब वह (अखिलेश यादव) मान नहीं रहे हैं तो अपना संगठन मजबूत करेंगे. इसके बाद शिवपाल ने जो कहा वो यूपी की राजनीति में अटकलें और कयास लगाने के लिए काफी है. उन्होंने कहा, 'आजम खान के जेल से छूटने के बाद आगे विचार होगा. बीजेपी में मुख्यमंत्री के साथ-साथ योगी जी संत हृदय हैं और चंदौली और ललितपुर घटना को गंभीरता से लेंगे और कड़ी कार्रवाई करेंगे. आजम भाई सहित अन्य घटनाओं को लेकर संत हृदय मुख्यमंत्री से मिलूंगा.'
शिवपाल के इस बयान के बाद एक बार फिर चर्चाओं का बाजार गरम हो गया है. इससे पहले ईद के मौके पर शिवपाल यादव ने पार्टी के अंदर नजरंदाज किए जान पर अपना दर्द बयां किया था. उन्होंने ट्विटर पर लिखा, 'अपने सम्मान के न्यूनतम बिंदु पर जाकर मैंने उसे संतुष्ट करने का प्रयास किया! इसके बावजूद भी अगर नाराज हूं तो किस स्तर तक उसने हृदय को चोट दी होगी! हमने उसे चलना सिखाया.. और वो हमें रौंदते चला गया.. एक बार पुनः पुनर्गठन,आत्मविश्वास व सबके सहयोग की अप्रतिम शक्ति से ईद की मुबारकबाद.'
ये पहला मौका नहीं है जब शिवपाल ने खुले तौर पर पार्टी के अंदर और परिवार में जारी घमासान की चर्चा की है. इससे पहले भी शिवपाल यादव समय-समय पर ऐसे बयान देते रहे हैं. हालांकि समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव चाचा शिवपाल के इन बयानों पर प्रतिक्रिया देने से परहेज करते रहे हैं. हालांकि एक बार उन्होंने यह जरूर कहा है कि अगर बीजेपी चाचा को लेना चाहती है तो ले सकती है. चाचा की नाराजगी पर बीजेपी इतना खुश हो रही है.
गौरतलब है कि यूपी विधानसभा चुनाव 2022 के समय सीट बंटवारे के समय ही शिवपाल यादव अखिलेश से नाराज हो गए थे. वह अपनी पार्टी प्रसपा के लिए 100 सीटें मांग रहे थे. हालांकि वो खुद समाजवादी पार्टी के ही टिकट से चुनाव लड़कर जीते हैं. लेकिन चुनाव में हार के बाद से ही दोनों नेताओं में दूरियां और तकरार बढ़ती चली गई. विधायक दल की बैठक में भी शिवपाल को नहीं बुलाया गया और साथ पार्टी के अन्य महत्वपूर्ण फैसलों के दौरान भी शिवपाल को नजरंदाज किया जाने लगा. इसके बाद आजम खान खेमे के नेताओं ने भी अखिलेश पर उपेक्षा का आरोप लगाना शुरू कर दिया. पार्टी के अंदर इस नए असंतोष को शिवपाल अब पूरी तरह से भुनाने की कोशिश में है यही वजह है कि आजम खान से उन्होंने जेल में जाकर मुलाकात की भी कर डाली.