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प्रयागराज की स्लम बस्तियों में कंडोम बांटती ये लड़की, कारण जानकर आप भी करेंगे सलाम

यूपी के प्रयागराज में कानून की पढ़ाई करने वाली छात्रा ने जनसंख्या नियंत्रण की दिशा में लोगों को जागरूक करने के लिए अनोखा तरीका अपनाया है. यह छात्रा अपने पॉकेट मनी से कंडोम खरीदकर स्लम बस्तियों में महिलाओं को बांटती है और उन्हें इस बारे में जागरूक भी करती है.

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महिलाओं को जागरूक करती छात्रा.
महिलाओं को जागरूक करती छात्रा.

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज की लॉ की पढ़ाई करने वाली एक लड़की जनसंख्या नियंत्रण की दिशा में काम कर रही है. उसने इसके लिए एक अनोखा तरीका अपनाया है. यह लड़की बढ़ती जनसंख्या को लेकर स्लम बस्तियों में महिलाओं को जागरूक रही है. इसके लिए वह स्लम बस्तियों में कंडोम बांटती है और इसकी उपयोगिता व जनसंख्या नियंत्रण के बारे में महिलाओं से बात करती है. जनसंख्या पर रोक लगाने की मुहिम में शामिल अन्नपूर्णा मिश्रा अपने पॉकेट मनी से कंडोम खरीदती हैं.

यूपी के बलिया के ग्रामीण इलाके की रहने वाली अन्नपूर्णा मिश्रा के पिता पेशे से वकील हैं. वहीं अन्नपूर्णा प्रयागराज के प्राइवेट कॉलेज से लॉ की पढ़ाई कर रही हैं. प्रयागराज कालिंदीपुरम इलाके में किराए के मकान में रहती हैं. अन्नपूर्णा देश में बढ़ती जनसंख्या को लेकर काफी चिंतित हैं. इसको लेकर उन्होंने अपनी एक प्लानिंग तैयार की है. उसी के तहत उन्होंने आम लोगों और स्लम बस्तियों में जाकर कंडोम बांटने का फैसला किया. अन्नपूर्णा ने अपनी पॉकेट मनी से कुछ पैसे बचाकर कंडोम खरीदे और फिर स्लम बस्तियों में जाकर बांटना शुरू कर दिया.

अन्नपूर्णा जब पहली बार प्रयागराज की कीडगंज स्लम बस्ती में कंडोम बांटने गईं तो स्लम बस्ती की महिलाएं संकोच करने लगीं, लेकिन अन्नपूर्णा ने उन्हें बेहद अच्छे ढंग से समझाया. उन्होंने महिलाओं से कहा कि कंडोम को इस्तेमाल न करने से जनसंख्या तेजी से बढ़ रही है. इसके इस्तेमाल से जनसंख्या पर नियंत्रण किया जा सकता है. सीमित परिवार के फायदे भी बताए कि ऐसे में बच्चों को अच्छी शिक्षा दी जा सकती है.

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अन्नपूर्णा मिश्रा जागरूकता के इस काम में पॉकेट मनी खर्च करती हैं, जो कम पड़ जाती है. इसको लेकर उन्होंने प्रयागराज के सीएमओ से  बात की है, ताकि सरकारी मदद से कंडोम अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाए जा सकें, जिससे देश में बढ़ती जनसंख्या पर रोक लगाई जा सके. अन्नपूर्णा मिश्रा इस काम के साथ-साथ रास्ते में पशु पक्षी या बीमार जानवरों की भी सेवा करती हैं. बेजुबान जानवरों के लिए भी खाने का इंतजाम करती हैं.

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