उत्तर प्रदेश में एक तरफ जहां अपराधियों के हौसले बुलंद हैं. वहीं दूसरी तरफ आपसी गैंगवार की वारदातें भी चरम पर हैं. इन सब के बीच प्रदेश की पुलिस लाचार और बेबस नजर आ रही है. यूपी के देवरिया जिले के एमएलसी संजीव द्विवेदी उर्फ रामू के घर पर रविवार की देर रात हुई अंधाधुंध फायरिंग ने फिर से प्रदेश सरकार की कानून व्यवस्था पर सवालिया निशान लगा दिया. इस घटना के दो दिन बीत जाने के बाद भी पुलिस की जांच उसकी निरंकुशता को दर्शाती है.
बीएसपी नेता और एमएलसी संजीव उर्फ रामू द्विवेदी के गार्ड वृंदावन शुक्ल के अनुसार रविवार की देर रात करीब चार गाड़ी में करीब दर्जन भर लोग आए और जबर्दस्ती गेट खोलकर नेता जी के घर में घुसने की कोशिश करने लगे. सभी हथियारों से लैस थे. उन्हें रोकने पर वो लोग गाली गलौज करने लगे और ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी. फायरिंग की आवाज सुनकर नेता जी कमरे से बाहर आ गए और उन्होंने भी अपने लाइसेंसी पिस्टल से फायरिंग की. दोनों तरफ से कई राउंड फायर किए गए. इस गोलीबारी में एमएलसी की गोली से विरोधी पक्ष का एक युवक सरफराज घायल हो गया. जिसे गोरखपुर रेफर किया गया है.

गोलीबारी के बाद एमएलसी ने संबंधित थाने में सूचना देने के साथ व्यवसायी संजय केडिया और श्रीप्रकाश तिवारी सहित करीब दर्जन भर अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करा दिया. जिनके ऊपर पुलिस ने आईपीसी की धारा 147, 148, 149, 307, 504, 506 के तहत मुकदमा दर्ज किया है. सूचना मिलने के बाद ने मौके पर पहुंची पुलिस को कई जिंदा कारतूस, खोखे और दो लक्जरी गाड़ियां मिली हैं. जिसे फायरिंग के बाद विरोधी मौके पर ही छोड़कर भाग गए थे. एमएलसी संजीव द्विवेदी का आरोप है कि ये सभी संजय केडिया के भेजे हुए आदमी थे जो हमें जान से मारना चाहते थे.

जबकि वारदात की रात के दूसरे दिन सत्रह फरवरी को पुलिस ने संजय केडिया की रिपोर्ट पर बीएसपी के एमएलसी संजीव उर्फ रामू द्विवेदी, विशाल राव, संजय चौरसिया, सहित दस अज्ञात लोगो के खिलाफ सदर कोतवाली में दस लाख रंगदारी मागने व जान से मारने की धमकी का मुकदमा दर्ज कराया था. पुलिस ने संजय केडिया के तहरीर पर आईपीसी की धारा 47, 148, 149, 307, 504, 506, 384 के तहत एमएलसी और उनके गुर्गों के खिलाफ में मुकदमा दर्ज किया. साथ ही संजय केडिया ने पुलिस को रामू द्विवेदी द्वारा फोन किए गए मोबाइल नंबर 9415903143 भी दिए. जिससे संजय केडिया के मोबाइल नंबर 9005900111 पर दस लाख रुपये की रंगदारी मांगी गई थी.
एमएलसी रामू द्विवेदी के दरवाजे पर हुई फायरिंग की घटना को स्पोर्ट्स स्टेडियम मैच के दौरान हुए विवाद का परिणाम बताया जा रहा है. पुलिस के अनुसार रविवार को स्टेडियम में रामावतार केडिया राज्यस्तरीय हॉकी मैच का समापन था. हॉकी मैच के आयोजक कारोबारी संजय केडिया थे. उन्होंने विधान परिषद सदस्य रामू द्विवेदी समेत कई अन्य लोगो को आमंत्रित किया था. जिसमे नगरपालिका अध्यक्ष अलका सिंह के पति मनोज सिंह को भी इस खेल में आमंत्रित किया था.

रामू द्विवेदी के अनुसार संजय केडिया ने कुछ दिन पहले शहर में स्थित गौशाला की जमीन को लेकर इसकी शिकायत देवरिया के जिलाधिकारी को लिखित में दी थी. क्योंकि गौशाला की जमीन पर नगर पालिका अपना काम करवा रही थी और उसी नगरपालिका अध्यक्ष के पति मनोज सिंह को उनके बगल में बिठा दिया. जो रामू द्विवेदी को नागवारा गुजरी और इसको लेकर एमएलसी संजीव द्विवेदी और संजय केडिया के बीच स्टेडियम में ही जमकर कहासुनी हुई. एमएलसी का कहना था कि एक तरफ शिकायत करवाते हो वहीं दूसरी तरफ उसको आयोजन में भी आमंत्रित करते हो और तो और उसे मेरे ही बगल में भी बैठा दिया.

सूत्रों की माने तो इसी को लेकर संजय केडिया ने श्रीप्रकाश से मिलकर एमएलसी संजीव को सबक सिखाने का प्लान बनाया. संजीव उर्फ रामू द्विवेदी के अनुसार अपराधी श्रीप्रकाश तिवारी के माफियाओं के सरगना अभय सिंह से गहरे संबंध हैं. अभय सिंह सपा से गोसाईगंज विधानसभा क्षेत्र से विधायक है, जबकि संजय केडिया शराब व्यवसाई हैं, जो पोंटी चढ्ढा ग्रुप के पूरे पूर्वांचल का होलसेल इंचार्ज है. रामू और संजय पहले से ही एक दूसरे को जानते थे और संजय ने चुनाव के समय में रामू द्विवेदी की मदद भी की थी.