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BSP नेता ने कहा, 'गौरी-गणेश की पूजा न करें दलित', मायावती ने बताया निजी राय

बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य के हिन्दू धर्म पर कथित आपत्तिजनक बयान से विवाद हो गया है. हालांकि पार्टी प्रमुख मायावती ने इसे उनके 'व्यक्तिगत विचार' बताते देते हुए इससे किनारा कर लिया है. उधर, बीजेपी ने इस मामले में मौर्य के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है.

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swami prasad maurya
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बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य के हिन्दू धर्म पर कथित आपत्तिजनक बयान से विवाद हो गया है. हालांकि पार्टी प्रमुख मायावती ने इसे उनके 'व्यक्तिगत विचार' बताते देते हुए इससे किनारा कर लिया है. उधर, बीजेपी ने इस मामले में मौर्य के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है.

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश विधानसभा में नेता विपक्ष स्वामी प्रसाद मौर्य ने रविवार को लखनउ में कर्पूरी ठाकुर भागीदारी महासम्मेलन में दलितों से अपील की थी कि वे शादी-ब्याह में गौरी-गणेश की पूजा न करें. उन्होंने कहा था कि यह मनुवादी व्यवस्था में दलितों और पिछड़ों को गुमराह कर उन्हें शासक से गुलाम बनाने की चाल है.

इतना ही नहीं मौर्य ने कहा, 'मनुवादी लोग सुअर को वाराह भगवान कहकर सम्मान दे सकते हैं. गधे को भवानी, उल्लू को लक्ष्मी और चूहे को गणेश की सवारी कहकर पूज सकते हैं लेकिन शूद्र को सम्मान नहीं दे सकते.

मौर्य के बयान को बीएसपी से न जोड़ा जाए: माया
इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने कहा कि पार्टी बाबा साहब भीमराव अंबेडकर द्वारा निर्मित संविधान के धर्म-निरपेक्षता के मूल सिद्धान्त के अनुरुप सभी धर्मो, सर्वसमाज के लोगों के रहन-सहन, शादी-विवाह, पूजा-पाठ और उनकी संस्कृति के तौर तरीकों का आदर करती है. उन्होंने कहा कि लखनऊ में रविवार को एक कार्यक्रम के दौरान बीएसपी नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने पूजा-पाठ आदि के बारे में जो कहा, वह उनकी निजी राय और प्रतिक्रिया है और उसे बीएसपी से नहीं जोड़ा जाना चाहिए. मायावती ने कहा कि बीएसपी दलितों, पिछड़ों, अगड़ी जातियों और धार्मिक अल्पसंख्यक समाज के लोगों को साथ लेकर समतामूलक समाज व्यवस्था स्थापित करना चाहती है.

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अगड़ी जातियों के लिए नफरत से भरी है BSP: BJP
इस बीच, बीजेपी के प्रांतीय प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने मौर्य के बयान पर कड़ी आपत्ति जाहिर करते हुए कहा कि हार की हताशा की वजह से बीएसपी नेता अब सामाजिक व्यवस्थाओं पर कुठाराघात करने में जुटे हैं. उन्होंने कहा कि मतदाताओं पर ढीली होती पकड़ ने बीएसपी नेताओं को एक बार फिर अगड़ी जातियों के प्रति नफरत और वैमनस्य के रास्ते पर जाने को मजबूर कर दिया है.

पाठक ने कहा कि बीसपी प्रमुख की मर्जी के बगैर पार्टी में एक पत्ता भी नहीं हिलता. मायावती खुद कहती हैं कि उनकी पार्टी के नेता खुद उनका लिखा बयान ही पढ़ते हैं. ऐसे में मौर्य के बयान से बीएसपी की सोच उजागर होती है. उन्होंने कहा कि यह अगर वह वाकई मौर्य का निजी बयान है तो मायावती को उनके खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए.

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