उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की प्रमुख मायावती ने कानपुर में आठ पुलिसकर्मियों की हत्या सहित गैंगस्टर विकास दुबे के एनकाउंटर मामले की जांच की मांग की है.उन्होंने कहा कि इस पूरे मामले की सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जांच होनी चाहिए.
मायावती ने ट्वीट किया, 'कानपुर पुलिस हत्याकांड के साथ ही इसके मुख्य आरोपी दुर्दान्त विकास दुबे को मध्य प्रदेश से कानपुर लाते समय आज पुलिस की गाड़ी के पलटने व उसके भागने पर यूपी पुलिस द्वारा उसे मार गिराए जाने आदि के समस्त मामलों की सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में निष्पक्ष जांच होनी चाहिए.'
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मायावती ने कहा कि यह उच्च-स्तरीय जांच इसलिए भी जरूरी है ताकि कानपुर नरसंहार में शहीद हुए 8 पुलिसकर्मियों के परिवार को सही इंसाफ मिल सके. साथ ही, पुलिस और आपराधिक राजनीतिक तत्वों के गठजोड़ की भी सही शिनाख्त करके उन्हें भी सख्त सजा दिलाई जा सके. ऐसे कदमों से ही यूपी अपराध-मुक्त हो सकता है.
2. यह उच्च-स्तरीय जाँच इसलिए भी जरूरी है ताकि कानपुर नरसंहार में शहीद हुए 8 पुलिसकर्मियों के परिवार को सही इन्साफ मिल सके। साथ ही, पुलिस व आपराधिक राजनीतिक तत्वों के गठजोड़ की भी सही शिनाख्त करके उन्हें भी सख्त सजा दिलाई जा सके। ऐसे कदमों से ही यूपी अपराध-मुक्त हो सकता है। 2/2
— Mayawati (@Mayawati) July 10, 2020
बता दें कि कानपुर कांड का आरोपी गैंगस्टर विकास दुबे उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) के साथ एनकाउंटर में मार दिया गया. पुलिस का कहना है कि यूपी एसटीएफ की गाड़ी विकास दुबे को मध्य प्रदेश के उज्जैन से लेकर कानपुर आ रही थी. गाड़ी की रफ्तार तेज थी. बारिश होने से रोड पर फिसलन थी. कानपुर में एंट्री से पहले अचानक रास्ते में गाड़ी पलट गई.
बीच सड़क पर गाड़ी पलटी, हथियार छीनकर भागने की कोशिश कर रहा था विकास दुबे
पुलिस का कहना है कि इस हादसे में विकास दुबे और एक सिपाही को भी चोटें आईं. इसके बावजूद विकास दुबे की नजरें पुलिस के चंगुल से बचकर भागने पर थी. उसने मौका पाकर एसटीएफ के एक जवान की पिस्टल छीनकर भागने की कोशिश की. इसी के बाद एनकाउंटर शुरू हो गया. एसटीएफ ने विकास दुबे से हथियार सौंप सरेंडर करने को कहा, लेकिन इसके बावजूद वह नहीं माना तो पुलिस को मजबूरन एनकाउंटर करना पड़ा.