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नागरिकता संशोधन बिल में शिया समुदाय को भी मिले जगह: मौलाना यासूब अब्बास

शिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की मीटिंग में एनआरसी पर चर्चा हुई. चर्चा में ये भी मांग उठी कि सिटीजन अमेंडमेंट बिल में पाकिस्तान और अफगानिस्तान के अल्पसंख्यक समुदाय में शिया समुदाय को भी जोड़ा जाए.

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मौलाना यासूब अब्बास (Photo- Twitter)
मौलाना यासूब अब्बास (Photo- Twitter)

  • CAB में अल्पसंख्यक में शिया को भी जोड़ा जाए: मौलाना यासूब
  • मौलाना यासूब बोले- हम किसी भी सरकार के खिलाफ नहीं है

शिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की मीटिंग में नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन (एनआरसी) पर चर्चा हुई. चर्चा में ये भी मांग उठी कि सिटीजन अमेंडमेंट बिल में पाकिस्तान और अफगानिस्तान के अल्पसंख्यक समुदाय में शिया समुदाय को भी जोड़ा जाए. शिया धर्मगुरु मौलाना यासूब अब्बास ने कहा कि हमलोग एनआरसी के खिलाफ नहीं है, लेकिन सरकार एनआरसी पर पुनर्विचार करें, क्योंकि हम अल्पसंख्यक के अंदर अल्पसंख्यक हैं.

ये बैठक लखनऊ में हुई. बैठक में शामिल शिया धर्मगुरु मौलाना यासूब अब्बास ने कहा, 'जितना ज़ुल्म शिया सामुदाय पर हो रहा है, उतना किसी पर नहीं हो रहा. शिया को अफगानिस्तान और पाकिस्तान में मारा जा रहा है. आज शियाओं के लिए कनाडा ने दरवाजा खोल दिया और पनाह दे रहा है. जिस तरह से ज़ुल्म हो रहा है, क्या हिंदुस्तान सरकार शियाओं के लिए दरवाजा नहीं खोल सकती.'

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मौलाना यासूब ने कहा, 'हम एनआरसी के लिए प्रधानमंत्री और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष को प्रस्ताव भेजेंगे. हम एनआरसी से डर नहीं रहे हैं, लेकिन सरकार पुनर्विचार कर ले तो बेहतर है. हम किसी भी सरकार के खिलाफ नही हैं .'

'शिया समुदाय नजरअंदाज'

शिया धर्मगुरु मौलाना यासूब अब्बास ने कहा, 'शिया डेलिगेशन जस्टिस सच्चर से दो बार मिला मगर हमारी सुनवाई नहीं हुई. जब सच्चर कमीशन की रिपोर्ट पेश की गई, तो शिया समुदाय को नजरअंदाज किया गया. सरकार एक कमीशन बनाए और शिया समुदाय का सर्वे कराए कि हिंदुस्तान में हम सात करोड़ हैं या सिर्फ सात हैं. हम किसी दूसरे की रोटी नहीं खाना चाहते और जो माइनोरिटी के नाम पर हिस्सा मिलता है शिया सामुदाय तक नहीं पहुचता है.'

यासूब अब्बास ने कहा, 'शिया और सुन्नी वक्फ बोर्ड अलग-अलग रहे. एक होने पर शिया वक्फ को समस्याओं का सामना करना पड़ेगा. हम यूपी और बिहार की तर्ज पर पूरे मुल्क में शिया वक्फ बोर्ड बनाने की मांग कर रहे हैं. हज सब्सिडी को दोबारा शुरू करने की मांग कर रहे हैं.'

'रिव्यू पिटीशन का है हक'

अयोध्या फैसले पर रिव्यू पिटीशन को लेकर यासूब अब्बास ने कहा, 'संविधान ने हमें रिव्यू पिटीशन का हक दिया है, अगर कोई रिवयू पिटीशन के लिए जा रहा, तो हमें उस पर उंगली नहीं उठानी चाहिए. हमारा मुल्क गुलदस्ते की तरह है. हर धर्म के लोग एकता के साथ यहां रहते हैं. पांच एकड़ जमीन शिया समुदाय को नहीं, सुन्नी वक्फ बोर्ड को मिली है, तो उसके अध्यक्ष तय करें कि वो उसका क्या करेंगे.'

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