उत्तर प्रदेश सरकार ने मदरसों की जांच की तारीख बढ़ा दी है. अब 20 अक्टूबर तक गैर-मान्यता प्राप्त मदरसों की जांच जारी रहेगी. 15 नवंबर तक सभी जिलों के जिलाधिकारी मदरसों की सर्वे रिपोर्ट सरकार को सौंपेंगे. इसकी घोषणा यूपी अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री धर्मपाल सिंह ने की है. इसके साथ ही सभी जिलाधिकारियों को दिए गए समय में रिपोर्ट पेश करने के आदेश दिए गए हैं.
बता दें कि इसके पहले मदरसों को सर्वे की अंतिम तारीख 5 अक्टूबर को थी. 10 अक्टूबर का सर्वे टीम को अपनी रिपोर्ट जिला अधिकारियों को सौंपनी थी. फिर 25 अक्टूबर तक डीएम की रिपोर्ट को शासन के पास भेजनी थी. मगर, अब इन तारीखों में बदलाव किया गया है. यूपी सरकार के द्वारा 12 बिदुओं को लेकर मदरसों की जांच कराई जा रही है.
सर्वे का लक्ष्य शिक्षा में विस्तार करना- डिप्टी सीएम
वहीं, यूपी के डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने कहा कि सर्वे कराने का लक्ष्य शिक्षा में विस्तार करने का है. मदरसों में अच्छी शिक्षा को प्रमोट किया जाएगा. उन्होंने कहा कि सर्वे टीम ने कई मदरसों में पढ़ाई के अलावा भी अन्य गतिविधियां चलती पाई हैं. इनमें चल रहीं गैर-कानूनी गतिविधियों के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी.
उत्तर प्रदेश के बॉर्डर पर संचालित मदरसों पर उन्होंने कहा, "गलत गतिविधियां जिन भी मदरसों में जारी हैं, उनके खिलाफ भी कार्यवाही की जाएगी. जो भी सरकार के विरुद्ध हैं और आतंकवादी गतिविधियों में शामिल हैं, उनके खिलाफ भी एक्शन लिया जाएगा."
मुरादाबाद में मिले हैं 585 गैर मान्यता प्राप्त मदरसे
मुरादाबाद जनपद में किए गए सर्वे में 585 गैर मान्यता प्राप्त मदरसे मिले हैं. मुरादाबाद शहर में इनकी संख्या 175 के करीब है. बाकी के मदरसे देहात में चल रहे हैं. टीम ने पाया कि कई मदरसों के पास वहां पढ़ने वाले बच्चों की पूरी जानकारी ही नहीं है. फंडिंग को लेकर भी टीम को संतोषजनक जवाब नहीं मिला.