हाथरस कांड की जांच के लिए बनाई गई स्पेशल इनवेस्टीगेशन टीम (एसआईटी) आज अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सौंप सकती है. गृह सचिव भगवान स्वरूप की अगुवाई में बनी एसआईटी की रिपोर्ट तैयार है और मुमकिन है कि आज वो रिपोर्ट मुख्यमंत्री के पास पहुंच जाए. इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद सच्चाई भी सामने आ सकती है.
गौरतलब है कि पीड़िता की इंसाफ की मांग लगातार जोर पकड़ रही है और मुमकिन है कि आज ही ये बात साफ हो जाए कि हाथरस का गुनहगार कौन है? पिछले सात दिनों से यूपी के तीन आला अधिकारियों वाली एसआईटी लगातार हाथरस का सच सामने लाने के लिए मशक्कत कर रही है. एसआईटी ने पीड़ित परिवार के सदस्यों का बयान दर्ज किया.
इसके साथ ही एसआईटी ने चश्मदीदों से बात की और क्राइम सीन को रीक्रिएट भी किया. हाथरस में गैंगरेप और हत्या से जुड़ी जानकारियां हर रोज बदल रही हैं और हर रोज हो नए खुलासे हो रहे हैं. एसआईटी ने जांच के दौरान कुछ नए तथ्य ढूंढे. केस के लिहाज से बेहद अहम ये जानकारियां मोबाइल फोन रिकॉर्ड से निकली हैं.
पता चला है कि पीड़िता के भाई का मोबाइल फोन उसकी पत्नी यानी पीड़िता की भाभी इस्तेमाल करती थी. इस नंबर से आरोपी संदीप के नंबर पर लगातार बातें हुईं. बातचीत का सिलसिला 13 अक्टूबर 2019 से 20 मार्च 2020 तक चला. यूपी पुलिस के मुताबिक, पीड़िता के भाई के मोबाइल से आरोपी संदीप के मोबाइल पर 62 बार कॉल गई और संदीप के मोबाइल से पीड़िता के भाई के नंबर पर 42 बार कॉल आई. यानी दोनों फोन के बीच कुल 104 बार बातचीत हुई.
बहरहाल, एसआईटी तो आज अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप देगी, लेकिन यूपी सरकार ने मामले की सीबीआई जांच की सिफारिश भी कर चुकी है, साथ ही सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से अपील की है कि जांच अदालत अपने निर्देशन में कराए, लेकिन पीड़ित परिवार वाले बार-बार कह रहे हैं कि वो सीबीआई जांच नहीं चाहते हैं.
हाथरस की सच्चाई क्या है- ये जांच पूरी होने के बाद ही सामने आएगी. इस बीच दोनों पक्ष जोरदार तरीके से इंसाफ की मांग कर रहा है. पीड़िता के परिजनों का कहना है कि दोषियों के खिलाफ कार्रवाई हो, वहीं आरोपियों के पक्ष का कहना है कि हमारे लड़के बेगुनाह हैं. इस मामले की सीबीआई जांच और नार्को टेस्ट होना चाहिए.