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ज्ञानवापी केस: मामला सुनवाई योग्य नहीं... मुस्लिम पक्ष की दलील पर हिंदू पक्ष ने कहा- अयोध्या की सच्चाई सामने है

वाराणसी के ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी मामले में जिला जज की अदालत में गुरुवार को सुनवाई हुई. जज ए के विश्वेश ने पहले मुस्लिम पक्ष के वकीलों को सुना. मुस्लिम पक्ष ने दावा किया कि श्रृंगार गौरी केस सुने जाने के लायक ही नहीं है. 1991 के वर्शिप एक्ट का हवाला देते हुए मुस्लिम पक्ष ने कहा कि ये केस मेंटेनेबल नहीं है.

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मामले में अगली सुनवाई सोमवार को दोपहर 2 बजे से होगी. -फाइल फोटो
मामले में अगली सुनवाई सोमवार को दोपहर 2 बजे से होगी. -फाइल फोटो
स्टोरी हाइलाइट्स
  • मुस्लिम पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला दिया
  • 31 मई को दोपहर 2 बजे से होगी मामले की अगली सुनवाई

वाराणसी जिला अदालत में ज्ञानवापी मामले पर गुरुवार को सुनवाई शुरू हुई तो मुस्लिम पक्ष के अधिवक्ता अभय नाथ यादव ऊंची आवाज में दलीलें रखने लगे. इस पर हिंदू पक्षकार के वकील हरिशंकर जैन ने कहा कि मेरा स्वास्थ ठीक नहीं है. कृपया तेज आवाज में न बोलें.
 
इस पर आवाज मद्धम करते हुए मुस्लिम पक्ष ने कहा कि नियम 7/11 के तहत हिन्दू पक्ष के सूट को खारिज किया जाना चाहिए. इसे सुनने की भी जरूरत नहीं है. मस्जिद परिसर से बरामद पत्थर को शिवलिंग बताकर लोगों के बीच अफवाह फैलाई जा रही है कि वो शिवलिंग है. अफवाह इसलिए फैलाई जा रही है ताकि हिंदू लोगों की भावनाओं को इस मामले के साथ जोड़ा जा सके. 

मुस्लिम पक्ष की ओर से कहा गया कि ऐतिहासिक तथ्यों और 1991 के उपासना स्थल कानून के तहत भी हिन्दू पक्ष की ये याचिका सुनवाई योग्य नही है. थोड़ी देर तक जिला कोर्ट में हिंदू पक्ष के वकील हरिशंकर जैन और मुस्लिम पक्ष के वकील अभय नाथ यादव के बीच बहस जारी रही. मुस्लिम पक्ष के वकील अभय यादव ने दलील दी कि परिसर में शिवलिंग का नामोनिशान नहीं है. वहां तो वाजूखाने के हौज में फव्वारा है. शिवलिंग मिलने की अफवाह फैलाई गई है.

मुस्लिम पक्ष ने वर्शिप एक्ट को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला दिया

मुस्लिम पक्ष की दलीलों को सुनने के बाद हरिशंकर जैन ने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर के मुकदमे की सुनवाई के समय भी कहा गया कि वहां तो कोई मंदिर नहीं मस्जिद है, लेकिन सचाई सारी दुनिया के सामने है. जैन के अलावा हिंदू पक्ष की ओर से अधिवक्ता सुधीर त्रिपाठी और शिवम गोंड भी बहस में  शामिल हुए.
 
मुस्लिम पक्ष के वकील अभय नाथ यादव की तरफ से प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट को लेकर बात रखते हुए सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला दिया गया. यादव ने कहा कि वर्शिप एक्ट ने तहत यह याचिका सुनवाई योग्य नहीं है. 
 
सूट योग्यता को लेकर फैसला आ जाए, फिर अपनी बात रखेंगे: हिंदू पक्ष

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हिंदू पक्षकारों की ओर से विष्णु जैन ने कहा कि सबसे पहले सूट योग्यता को लेकर फैसला आ जाये उसके बाद वो शिवलिंग होने, उसे नुकसान पहुंचाने, स्वरूप बदलने की कोशिश करने जैसे मुद्दों पर अपनी बात को रखेंगे.

फिलहाल, मुस्लिम पक्षकारों ने कहा कि उनकी दलील अभी बाकी हैं, लिहाजा सोमवार को तय हुई अगली सुनवाई के दौरान भी शुरुआत मुस्लिम पक्षकार के वकील की दलीलों से ही होगी. इसके बाद हिंदू पक्षकार अपनी बात रखते हुए मुस्लिम पक्षकार की दलील की काट रखेंगे. यानी हिंदू पक्षकारों को अपनी अर्जी में लिखे गए तथ्यों से ये साबित करना होगा कि उनकी याचिका सुनवाई के सर्वथा योग्य है. सोमवार को दोपहर 2 बजे सुनवाई आगे जारी रहेगी.

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