उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले की एक अदालत ने पूर्व विधायक हरदेव रावत की हत्या के मामले में पूर्व राज्यमंत्री संग्राम सिंह समेत सभी छह आरोपियों को बरी कर दिया.
अभियोजन पक्ष के अनुसार सपा के पूर्व विधायक हरदेव रावत की सात जनवरी 2006 को जिला पंचायत अध्यक्ष पद के चुनाव प्रचार के दौरान लक्ष्मणपुरी कालोनी में संग्राम सिंह वर्मा तथा उनके भाई सुरेन्द्र सिंह ने अपने चार अन्य साथियों की मदद से गोली मारकर हत्या कर दी थी.
इस मामले में रावत के भतीजे राकेश रावत ने कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया था.
मामले में संग्राम सिंह वर्मा, सुरेन्द्र सिंह, दिनेश वैश्य, राकेश वर्मा, विनोद वर्मा तथा गुड्डू वर्मा नामक व्यक्तियों के खिलाफ कोर्ट में आरोपपत्र दाखिल किया गया था. संग्राम सिंह बाद में वर्ष 2007 में बनी मायावती सरकार में रेशम राज्यमंत्री बनाये गये थे.
मामले की सुनवाई के दौरान पेश किये गये सभी चार चश्मदीद गवाह बाद में अपने बयान से पलट गये थे. विशेष अपर सत्र न्यायाधीश (अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति) एसीपी अरविन्द ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद सोमवार को सभी छह आरोपियों को सुबूतों के अभाव में बरी कर दिया.