महाराष्ट्र और गुजरात में दलित आंदोलन और हिंसा-बवाल को देखते हुए यूपी सरकार ने भी हाई अलर्ट जारी कर दिया है. असल में महाराष्ट्र के बाद सहारनपुर में कुछ गड़बड़ी करने की कोशिश की गई, जिसके बाद प्रशासन वहां की सुरक्षा पर खास नजर बनाए हुए है.
एडीजी कानून-व्यवस्था आनंद कुमार ने सभी जिला कप्तानों को सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं. जातिगत संगठनों, सोशल मीडिया पर भी नजर रखने के निर्देश दिए गए हैं. जिला पुलिस के साथ LIU और इंटेलिजेंस भी रखी जा रही नजर.
पुणे जिले में भीमा-कोरेगांव युद्ध की 200वीं सालगिरह के दौरान हुई हिंसा के कारण पूरे महाराष्ट्र में में तनाव फैल गया है. भीमा कोरेगांव में भड़की हिंसा के खिलाफ पूरे महाराष्ट्र में दलित संगठनों ने बंद का ऐलान किया था. बताया जा रहा है हिंसा भड़कने की असली वजह दलित गणपति महार का समाधि स्थल है, जिसे कथित तौर पर हिंदुत्ववादी संगठन से जुड़े लोगों ने 29 दिसंबर को क्षतिग्रस्त कर दिया था. इसके बाद महाराष्ट्र और गुजरात में पिछले कई दिनों से बवाल-हिंसा जारी है.
यूपी में दलितों की संख्या काफी ज्यादा है और यहां बसपा जैसे दलों की दलितों में अच्छी पकड़ है.
इसके पहले यूपी के सहारनपुर में जातीय हिंसा की घटनाएं हो चुकी हैं. यूपी सरकार ने केंद्र को भेजी रिपोर्ट में बताया था कि 23 मई को मायावती की रैली से लौट रहे लोगों पर ठाकुर समुदाय ने हमला किया था, जिसके बाद इस इलाके में जातीय हिंसा शुरू हो गई थी. जातीय हिंसा मामले में भीम आर्मी मुखिया चंद्रशेखर आजाद को यूपी पुलिस ने हिमाचल के डलहौजी से गिरफ्तार किया था. उसके खिलाफ कोर्ट ने गैर जमानती वारंट जारी किया था.