कोरोना का दौर तो जारी है, लेकिन यूपी की राजधानी लखनऊ में अब वह मंजर नहीं है जब वायरस अपने पीक पर था. तबाही का वह दौर गया तो सुविधाओं में भी किल्लत कम हुई है. बेडों से लेकर ऑक्सीजन और वेंटिलेटर्स तक, सभी चीजों की अब उपलब्धता है. लखनऊ के तमाम बड़े अस्पतालों में अब बेडों और ऑक्सीजन के लिए मारामारी नहीं है.
संक्रमण घटने पर अब सरकारी अस्पतालों का हाल?
राजधानी लखनऊ स्थित राम मनोहर लोहिया के डेडिकेटेड कोविड हॉस्पिटल में मरीजों के लिए 200 बेडों की व्यवस्था की गई थी. कोरोना जब अपने पीक पर था तब भर्ती होने के लिए यहां मरीजों को परेशानी झेलनी पड़ती थी. उस वक्त बेड खाली नहीं रहते थे और ऐसे में कोविड मरीजों को भर्ती करने से मना कर दिया जाता था. लोहिया कोविड अस्पताल के नोडल अधिकारी एवं मेडिकल सुपरिटेंडेंट केश सिंह ने बताया कि अब यहां लगभग 200 बेड्स में से 146 बेड खाली पड़े हुए हैं. यहां अभी 54 मरीज भर्ती हैं.
केजीएमयू का क्या है हाल?
लखनऊ के सरकारी अस्पताल केजीएमयू (किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी) की बात करें तो यहां जब कोरोना महामारी पीक पर थी, तब यहां भर्ती होने के लिए सांसद, विधायक मंत्री और आला अधिकारियों से सिफारिश करवानी पड़ती थी. उसके बाद भी घंटों भर्ती के लिए इंतजार करना पड़ता था. लेकिन अब स्थिति सामान्य है. ट्रायज एरिया में मरीजों की संख्या कम देखी जा रही है. जिन लोगों की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आ रही है, उनको अब आसानी से कोविड वार्ड में शिफ्ट किया जा रहा है. केजीएमयू में 988 बेड्स में से 289 बेड कोरोना मरीजों के लिए खाली पड़े हुए हैं. आईसीयू वार्ड में बेड के साथ-साथ कई वेंटिलेटर्स भी खाली पड़े हैं.
क्लिक करें- उफन कर बाहर आ रहे हैं महीनों पहले दफनाए कोरोना संक्रमित ऊदबिलाव, हैरान कर देगी इसकी वजह
जिला अस्पताल बलरामपुर व लोकबंधु अस्पताल का हाल
जिला अस्पताल बलरामपुर की बात करें तो यहां पर कोविड मरीजों के लिए 300 बेड्स की व्यवस्था की गई थी, जिसमें से अब 232 बेड खाली पड़े हुए हैं. यहां अब ऑक्सीजन की भी किल्लत नहीं है. वहीं लोकबंधु अस्पताल में 200 बेडों की व्यवस्था है, यहां इसमें 162 बेड खाली पड़े हुए हैं. कोरोना मरीजों की संख्या में भी भारी गिरावट दर्ज की गई है.
प्राइवेट अस्पतालों का भी जाने हाल
प्राइवेट अस्पताल की बात करें तो शहर के सबसे बड़े अस्पताल मेदांता में भी अब स्थिति थोड़ा सामान्य दिखाई पड़ रही है. मेदांता अस्पताल के मेडिकल डायरेक्टर राकेश कपूर ने बताया कि अस्पताल में 125 बेड्स में लगभग 6 बेड खाली पड़े हुए हैं. वहीं, अपोलो अस्पताल में 65 में से 4 बेड कोरोना मरीजों के लिए खाली हैं. एक और प्राइवेट अस्पताल एरा में 400 बेड्स की क्षमता है, यहां अब 305 बेड खाली हैं.