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अब रामपुर में अखिलेश बांटेंगे लैपटॉप का 'लॉलीपॉप'

बिजली की कमी, खराब पानी और सड़क की दुर्दशा झेल रहे उत्तर प्रदेश में आजकल लैपटॉप के लॉलीपॉप के बड़े चर्चे हैं. जहां एक ओर अखिलेश यादव लैपटॉप का लट्टू घुमाए जा रहे हैं वहीं इसके लिए उनकी चारों ओर से आलोचना भी हो रही है. इन आलोचनाओं से अखिलेश को कोई फर्क पड़ता नहीं नजर आ रहा है. अब आजम खां के गृह जनपद रामपुर में मुरादाबाद मंडल के 10 हजार इंटर पास छात्र-छात्राओं को लैपटॉप बांटा जाएगा.

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अखिलेश यादव
अखिलेश यादव

बिजली की कमी, खराब पानी और सड़क की दुर्दशा झेल रहे उत्तर प्रदेश में आजकल लैपटॉप के लॉलीपॉप के बड़े चर्चे हैं. जहां एक ओर अखिलेश यादव लैपटॉप का लट्टू घुमाए जा रहे हैं वहीं इसके लिए उनकी चारों ओर से आलोचना भी हो रही है. इन आलोचनाओं से अखिलेश को कोई फर्क पड़ता नहीं नजर आ रहा है. अब आजम खां के गृह जनपद रामपुर में मुरादाबाद मंडल के 10 हजार इंटर पास छात्र-छात्राओं को लैपटॉप बांटा जाएगा.

16 जून को अखिलेश यादव एक बार फिर लैपटॉप बांटते नजर आएंगे. जौहर यूनिवर्सिटी में होने वाले समारोह के लिए प्रशासन ने अपने स्तर से तैयारियां शुरू कर दी हैं. मुख्यमंत्री लैपटॉप बांटने के साथ ही एक दिन पहले, यानी 15 जून को जौहर यूनिवर्सिटी में जश्न-ए-जौहर के मौके पर होने वाले कार्यक्रम में भी शिरकत करेंगे.

अखिलेश यहां 15 जून की शाम तक पहुंचेंगे. समाजवादी पार्टी (सपा) के सूत्रों ने बताया कि अखिलेश का हेलीकॉप्टर सीआरपीएफ कैंप परिसर में उतारे जाने की संभावना है. हेलीकॉप्टर से उतरने के बाद मुख्यमंत्री जौहर यूनिवर्सिटी जाएंगे और फिर रात में सीआरपीएफ के गेस्ट हाउस में रात्रिविश्राम करेंगे. इसके लिए प्रशासन ने गेस्ट हाउस बुक करा लिया है.

क्या लैपटॉप से हो रहा है छात्रों का भला?
यूपी में सरकारी लैपटॉप का लट्टू घूम रहा है. लेकिन क्या उससे छात्रों का भला हो रहा है? वो इलेक्ट्रॉनिक खिलौना, मुलायम और अखिलेश का प्रचार तो खूब कर रहा है लेकिन क्या वो पढ़ाई-लिखाई के काम आ रहा है. दरअसल, ऐसे सवाल बहुत जोर से उठने लगे हैं कि बिजली, पानी, सड़क की दुर्दशा झेल रहे राज्य में आख़िर लैपटॉप बांटने से क्या हासिल होगा.

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इंटर पास छात्र-छात्राओं को 15 लाख लैपटॉप बांटे जाने हैं जिनमें से लखनऊ, वाराणसी, फर्रूखाबाद और गाजियाबाद में कुल मिलाकर करीब 50 हजार छात्रों को खुद सीएम अपने हाथों से लैपटॉप का तोहफा दे चुके हैं.

मगर समाजवादी पार्टी का ये चुनावी लैपटॉप किसी के लिए खिलौना तो किसी के लिए बुद्धूबक्सा बन चुका है. लैपटॉप पाने वाले कई छात्रों को इसे ऑपरेट करना ही नहीं आता. लैपटॉप का प्रसाद बांटने में सरकारी खजाने से हजारों करोड़ खर्च हो गए लेकिन पाने वालों से पूछिए तो कहते हैं बिना इंटरनेट के लैपटॉप भला किस काम का.

इंटरनेट की सुविधा नहीं है इसमें जो सॉफ्टवेयर अपलोड है और जिनसे हम नॉलेज लेते हैं वो प्राइमरी है. बिजली नहीं रहती तो चार्ज नहीं हो पाता है. लैपटॉप पाने वाली एक छात्रा पंखुड़ी जैन ने बताया, 'मेरे लिए ये एक खिलौने की तरह है क्योंकि मेरे घर नेट नहीं है और बिना इंटरनेट के 60 प्रतिशत प्रोग्राम यूज नहीं कर सकते. लिहाजा खिलौने की तरह पड़ा है.'

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