लोकसभा चुनाव की आचार संहिता खत्म होते ही यूपी में बड़ी प्रशासनिक सर्जरी की फेरबदल की तैयारी है. अखिलेश यादव सरकार ने बड़ी संख्या में अफसरों को इधर से उधर करने का मूड बना लिया है.
आधे से ज्यादा जिलों के डीएम व पुलिस कप्तानों के साथ-साथ प्रमुख सचिव व सचिव स्तर के अफसरों की जिम्मेदारियों में बदलाव किया जा सकता है. प्रशासनिक अफसरों का एक खेमा बीजेपी के बड़े नेताओं के भी संपर्क में है, ताकि अगर केंद्र में सरकार बनती है तो वहां तैनाती करा सकें.
चर्चा तो चुनाव बाद मुख्य सचिव जावेद उस्मानी के भी केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जाने की चल रही है. यूपी सरकार ने चुनाव से पहले अपने हिसाब से अफसरों की तैनाती करके बिसात बिछाई थी. जैसे ही चुनाव प्रक्रिया शुरू हुई, चुनाव आयोग ने सरकार की 'गुडबुक' के अफसरों को हटाकर निष्पक्ष और स्वतंत्र चुनाव कराने के लिए नई बिसात बिछा दी. आयोग ने कुल 26 डीएम, 28 पुलिस कप्तान, तीन डीआईजी व दो दर्जन पीसीएस अफसर बदल दिए. माना जा रहा है कि चुनाव बाद इन सभी को एक बार फिर अहम तैनाती मिल सकती है.
हाल ही में प्रमुख सचिव स्वास्थ्य के पद पर तैनात प्रवीर कुमार केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर गए हैं. उनका कार्यभार फिलहाल प्रमुख सचिव ऊर्जा संजय अग्रवाल संभाल रहे हैं. आचार संहिता खत्म होने के बाद प्रमुख सचिवों के बीच विभागों का नए सिरे से बंटवारा होने की भी संभावना है. तमाम तरह की चर्चाओं के बीच अफसर अपने राजनीतिक संबंधों को ताजा करने में भी जुटे हैं, ताकि सुविधाजनक तैनाती में किसी तरह की मुश्किल न आए.