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Kishan Bharwad Murder Case: गुजरात ATS को मिली कामयाबी, दिल्ली से हिरासत में लिया गया मौलाना कमर गनी

किशन ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो पोस्ट अपलोड किया था, जिसके बाद से वह इस्लामी कट्टरपंथी के निशाने पर था. इस पोस्ट के बाद दो बाइक सवार युवकों ने किशन की हत्या कर दी थी.

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स्टोरी हाइलाइट्स
  • तहरीक ए फरोग से जुड़ा है मौलाना कमर गनी उस्मानी
  • पिछले साल त्रिपुरा दंगों में भी हुई थी गनी की गिरफ्तारी

गुजरात के अहमदाबाद के धंधुका में किशन भरवाड़ (Kishan Bharwad Murder Case) नाम के युवक की हत्या मामले में गुजरात एटीएस को बड़ी सफलता मिली है. गुजरात एटीएस की टीम ने दिल्ली से मौलाना कमर गनी उस्मानी को हिरासत में लिया है. कमर गनी उस्मानी पर भड़काऊ भाषण और किशन की हत्या के लिए आरोपी शब्बीर को उकसाने का आरोप है.

कहा जा रहा है कि शब्बीर ने उस्मानी के भाषण के बाद ही इस तरह का कदम उठाया था. पुलिस के मुताबिक कमर गनी उस्मानी तहरीक ए फरोग से जुड़ा हुआ है. पिछले साल ही त्रिपुरा में हुए दंगों में भी कमर गनी की गिरफ्तारी हुई थी.

क्या है पूरा मामला?

बता दें कि कुछ वक्त पहले किशन बोलिया ने फेसबुक पर इस्लाम के बारे में कुछ अभद्र पोस्ट किया था. इस पोस्ट के बाद 2 बाइक सवार लोगों ने किशन बोलिया की गोली मारकर हत्या कर दी थी. इस हत्याकांड की जांच के दौरान पुलिस ने दोनों ही युवकों को गिरफ्तार किया था. पुलिस की पूछताछ में युवकों ने खुलासा किया था कि कमर गनी से उनकी मुलाकात मुंबई में हुई थी. इस मुलाकात में कमर गनी ने युवकों से कहा था की कोई धर्म के खिलाफ बोले तो उसे एलिमिनेट कर दो. आरोप है कि कमर गनी की इन्हीं बातों को सुनने के बाद युवकों ने यह कदम उठाया था.

गुजरात एटीएस को सौंपी गई थी जांच

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गुजरात सरकार ने 29 जनवरी 2022 को किशन बोलिया (भरवाड़) की हत्या की जांच आतंकवाद विरोधी दस्ते को सौंप दी थी. जांच मिलने के महज 24 घंटे के भीतर की एटीएस ने कमर गनी को गिरफ्तार कर लिया है. मामले को लेकर गृह राज्य मंत्री हर्ष संघवी ने ट्वीट किया था, 'धंधुका की हिंसक घटना का मामला एटीएस को सौंप दिया गया है. गुजरात पुलिस पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है.'

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