देश के अस्पतालों में मरीजों को बिस्तर नहीं मिल रहे हैं. ऐसे में होम आइसोलेशन का महत्त्व काफी अधिक बढ़ गया है. होम आइसोलेशन में रहने वाली गोरखपुर की एक 82 वर्ष की बुजुर्ग महिला कोरोना के खिलाफ जंग जीत गई हैं. इसमें उनके बेटे श्याम की भारी मेहनत और लगन रही.
बेटे ने रात-रात जागकर अपनी बूढ़ी मां का ख्याल रखा. क्योंकि उसकी मां डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर की पेशेंट भी है, कोरोना संक्रमित होने की वजह से मां का ऑक्सीजन लेवल गिरकर 79 हो गया था. उसके बाद डॉक्टरों की सलाह ली और ऑक्सीजन की सपोर्ट दी गई. इसके लिए बेटे ने चार रात लगातार जागकर मां की सेवा की और धीरे-धीरे काफी सुधार होने लगा जब ऑक्सीजन का लेवल 94 पहुंचा. तब राहत की सांस मिली.
श्याम के बड़े भाई हरिमोहन श्रीवास्तव ने बताया ''12 अप्रैल को मां की कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट आई थी. उसके बाद मेरे छोटे भाई श्याम ने मां की खूब सेवा की. मां को पेट के बल सुलाया, लॉन्ग, कपूर, अजवाइन की पोटली बनाकर मां को सुंघाते रहे, इस तरह करने से 12 दिन बाद काफी सुधार दिखाई देने लगा, अब मां का ऑक्सीजन लेवल 97 है.
यह उदाहरण उन लोगों के लिए और अधिक जरूरी है जो कम लक्षण आने पर ही हॉस्पिटल की तरफ भागने लगते हैं. वे लोग भी डॉक्टर की सलाह लेकर हॉस्पिटल ना जाकर घर पर ही इलाज कर सकते हैं.
परिवार के अन्य सदस्य संक्रमित होने के बाद भी कैसे बचें?
पूरे परिवार में हरिमोहन और श्याम को छोड़कर अन्य पांच सदस्य भी कोरोना संक्रमित हुए थे. इन्होंने आयुर्वेदिक उपचार किया, पौष्टिक आहार लिया. इस परिवार की हिम्मत और ताकत उनकी पॉजिटिव सोच थी जिसकी वजह से कोरोना को हराने में सफल रहे. आपको बता दें कि 4 रात लगातार जगने और मां की सेवा करते श्याम को करोना दूर-दूर तक छू नहीं सका और वह पूरी तरह स्वस्थ हैं.