कोरोना वायरस से हो रही मौतों से देशभर के श्मशान घाटों की स्थिति दिन पर दिन खराब होती जा रही है. भारी संख्या में शवों के आने से प्रशासन को कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. मेरठ के सूरजकुंड श्मशान घाट की हालत बेहद खराब स्थिति में पहुंच गई है. शवों की संख्या के ज्यादा होने से अब जमीनों और श्मशान घाट के आसपास की खाली जगहों पर भी अंतिम संस्कार करना पड़ रहा है, जिसकी वजह से आसपास के लोग परेशान हैं.
स्थानीय लोगों का कहना है कि जलती हुई चिताओं को देखकर उन्हें नींद नहीं आ रही है और चिताओं से उठता धुआं और राख अब उनके घरों तक पहुंच रहा है. जिसकी वजह से उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. स्थानीय लोगों ने एक वीडियो वायरल कर मेरठ प्रशासन से इस समस्या से निपटने के लिए गुहार लगाई है.
बताया जा रहा है कि शवों की संख्या बढ़ने से पार्किंग में भी अब शवों का अंतिम संस्कार करना पड़ रहा है. लोगों का कहना है कि जलती हुई चिताओं को लेकर बच्चे दहशत में हैं. चिताओं से उठने वाली राख और धुआं उनके घरों में घुस रहा है. प्रशासन को अब इस तरफ ध्यान देने की जरूरत है.
लोगों का कहना है कि खुले में कोरोना संक्रमित लोगों के शव जलाए जा रहे हैं. स्थानीय पार्षद से भी इस मामले की शिकायत की गई है पर अब तक कोई भी कार्रवाई नहीं हो सकी है. वहीं स्थानीय लोगों ने प्रशासन से अपील की है कि कोरोना संक्रमित लोगों के शवों का अंतिम संस्कार शहर से कराए जाएं.
वहीं इस मामले में मेरठ के नगर आयुक्त मनीष बंसल का कहना है कि पूर्व में सूरजकुंड श्मशान घाट पर 42 प्लेटफार्म बने हुए थे और नगर निगम द्वारा अतिरिक्त प्लेटफार्म का निर्माण किया गया है. उसी श्मशान घाट का एक हिस्सा है, जो खाली पड़ा हुआ था जिस पर अतिरिक्त प्लेटफार्म का निर्माण किया गया था. स्थानीय लोगों की शिकायत का संज्ञान लिया गया है और मेरठ नगर निगम की तरफ से टीन शेड्स और दीवारों की ऊंचाई बढ़ाने के लिए नगर निगम की टीम को आदेश दे दिया गया है और जल्द ही इस काम को शुरू कर दिया जाएगा. वहीं लोगों का कहना है कि टीन के शेड्स लगाने से उनकी समस्या का समाधान नहीं होगा.