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उत्तराखंड सरकार का फरमान,नदी के किनारे नहीं होने देंगे कोई निर्माण

उत्तराखंड आपदा के 15 दिनों बाद आखिरकार बहुगुणा सरकार की नींद खुली. राज्य सरकार ने नदी किनारे किसी भी तरह के निर्माण के काम पर रोक लगा दी है. इस पर निगाह रखने के लिए सीएम विजय बहुगुणा ने रेग्युलेटरी बॉडी बनाने का ऐलान किया.  पुनर्वास और पुनर्निमाण प्राधिकरण के जरिए राज्य सरकार उत्तराखंड के विकास की गाड़ी को अब आगे बढ़ाएगी.

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vijay bahuguna
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उत्तराखंड आपदा के 15 दिनों बाद आखिरकार बहुगुणा सरकार की नींद खुली. राज्य सरकार ने नदी किनारे किसी भी तरह के निर्माण के काम पर रोक लगा दी है. इस पर निगाह रखने के लिए सीएम विजय बहुगुणा ने रेग्युलेटरी बॉडी बनाने का ऐलान किया.  पुनर्वास और पुनर्निमाण प्राधिकरण के जरिए राज्य सरकार उत्तराखंड के विकास की गाड़ी को अब आगे बढ़ाएगी.

उत्तराखंड आपदा में 882 लोगों की मौत!
मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा ने आपदा में मारे गए लोगों की संख्या 882 तय की और कहा कि 3068 लोग लापता हैं. बहुगुणा ने कहा कि बाढ़ से प्रभावित हर एक बच्चे को 500 रुपये और कॉलेज में पढ़ने वाले छात्रों को 1000 रुपये तत्काल राहत के तौर पर दिए जाएंगे. उन्होंने घोषणा की कि प्रभावित इलाके के लोगों के बिजली-पानी के बिल माफ कर दिए जाएंगे.
UN के अनुसार अभी 11 हजार लापता
बद्रीनाथ से कुल 1,350 लोगों को सुरक्षित निकाला जा चुका है वहीं बाढ़ प्रभावित उत्तराखंड में 3,500 से ज्यादा लोगों का अभी तक पता नहीं है. इस बीच संयुक्त राष्ट्र की एक एजेंसी ने अनुमान लगाया है कि लापता लोगों की संख्या 11,000 से ज्यादा हो सकती है.

एनडीएमए के उपाध्यक्ष एम शशिधर रेड्डी ने कहा, ‘उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार बद्रीनाथ से 1,350 लोगों को निकाला गया है जिनमें से 800 को हवाई मार्ग से और 550 को सड़क मार्ग से निकाला गया है. लेकिन कुछ स्थानीय लोग जैसे दुकानदार, आश्रम में रहने वाले लोग आदि भी हैं जिन्हें निकाला जा रहा है.’ उन्होंने कहा कि मृतक संख्या 580 है. एनडीआरएफ ने केदारनाथ से 8,634 लोगों को बाहर निकाला जिसके बाद कुल 1,08,253 लोगों को सुरक्षित बचाया जा चुका है.

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MSME मंत्री का PM राहत कोष में 10 लाख का दान
उत्तराखंड में भारी बारिश तथा भूस्खलन से हुई तबाही से प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्यों में मदद के इरादे से सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यम (एमएसएमई) मंत्री के एच मुनियप्पा ने प्रधानमंत्री राहत कोष में 10 लाख रुपये का दान दिया है. इस संबंध में एक पत्र एमपीलैड (लोकसभा) पर समिति के चेयरमैन को एक पत्र भी भेजा गया है. विज्ञप्ति के अनुसार इसके अलावा मंत्री ने एक महीने का वेतन अखिल भारतीय कांग्रेस समिति राहत कोष में दिया है.
विश्‍व बैंक से मदद की आस
केंद्र सरकार उत्तराखंड के पुनर्निर्माण के लिए विश्व बैंक और एशियन डेवलपमेंट बैंक से भी मदद लेगी. इससे सरकार को करीब तीन हजार करोड़ की रकम जुटाने की उम्मीद है. साथ ही केंद्र सरकार प्रधानमंत्री राहत कोष से आपदा में मारे गए हर व्यक्ति के परिवार को 2 लाख और घायलों को 50 हजार रुपये देगी. इसके अलावा जिन परिवारों के मकान पूरी तरह नष्ट हो गए हैं उन्हें एक लाख और जिनके मकान आंशिक रूप से टूटे हैं उन्हें 50 हज़ार की मदद देगी.

बहुगुणा सरकार का झूठ बेनकाब
आपदा में उत्तराखंड सरकार का सफेद झूठ बेनकाब हो गया है. आज तक के पास जो दस्तावेज हैं उनके मुताबिक तबाही से पहले इसरो ने उत्तराखंड सरकार और नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट अथारिटी को मौसम की पूरी जानकारी दी थी.

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फिर से आसमानी आफत का खतरा
उत्तराखंड में फिर से आसमानी आफत का खतरा मंडराने लगा है. मौसम विभाग के मुताबिक 5 और 6 जुलाई को भारी बारिश की आशंका होगी. चेतावनी को देखते हुए उत्तराखंड में रिलीफ ऑपरेशन को झटका लग सकता है.

3500 लोग अभी भी लापता
उत्तराखंड में अब भी साढ़े तीन हजार लोग लापता हैं. सोमवार को बद्रीनाथ से 1350 लोग निकाले गये. एनडीएमए के वाइस चेयरमैन एम शशिधर रेड्डी के मुताबिक केदारनाथ और रामबाड़ा में सबसे ज्यादा मौतें हुईं. इस बीच ऋषिकेश में अपनी सास को ढूढती एक महिला का गुस्सा फूट पड़ा. जिसके बाद महिला ने पुलिसवालों पर जमकर भड़ास निकाली. यूपी की रहनेवाली ये महिला अखिलेश सरकार से नाराज दिखी. इस महिला का आरोप है कि यूपी सरकार ने अपनों के लिए कुछ भी नहीं किया.

उत्तराखंड में मारे गए लोगों की आत्मा की शांति के लिए हरिद्वार में संतों ने हर की पैड़ी पर हवन का आयोजन किया. इस हवन में सभी अखाड़ों के प्रतिनिधि शामिल हुए. संतों ने तीर्थ की मर्यादा को फिर से कायम करने का भी आह्वान किया.

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