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निजता के अधिकार के प्रति संप्रग सरकार प्रतिबद्ध: चिदंबरम

निजता के अधिकार के प्रति संप्रग सरकार की प्रतिबद्धता जताते हुए गृह मंत्री पी चिदंबरम ने गुरुवार को कहा कि टेलीफोन टैपिंग के लिए तकनीकी रूप से सक्षम राष्ट्रीय तकनीकी अनुसंधान संगठन (एनटीआरओ) को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार की बजाय किसी मंत्रालय के अधीन लाने पर विचार किया जाएगा ताकि इसे संसद के प्रति जवाबदेह बनाया जा सके.

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निजता के अधिकार के प्रति संप्रग सरकार की प्रतिबद्धता जताते हुए गृह मंत्री पी चिदंबरम ने गुरुवार को कहा कि टेलीफोन टैपिंग के लिए तकनीकी रूप से सक्षम राष्ट्रीय तकनीकी अनुसंधान संगठन (एनटीआरओ) को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार की बजाय किसी मंत्रालय के अधीन लाने पर विचार किया जाएगा ताकि इसे संसद के प्रति जवाबदेह बनाया जा सके.

चिदंबरम ने कुछ राजनेताओं के टेलीफोनों की कथित टैपिंग के परिणामस्वरूप सार्वजनिक जीवन में ईमानदारी के मुद्दे पर पड़ने वाले प्रभाव तथा इस संबंध में सरकार की प्रतिक्रिया पर राज्यसभा में हुई अल्पकालिक चर्चा के जवाब में यह बात कही.

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने टेलीफोन टैपिंग मामले की तह में जाने का निर्देश दिया है. उन्होंने कहा कि यदि जांच में कोई अनधिकृत या गैरकानूनी टेलीफोन टैपिंग का दोषी पाया गया तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने इस कहा कि इस मामले में कोई दोषी पाया गया तो उस बारे में संसद को अवगत कराया जाएगा. {mospagebreak}

एनटीआरओ की चर्चा करते हुए चिदंबरम ने कहा कि यह अभी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के अधीन है और वह प्रधानमंत्री को सूचना देते हैं. उन्होंने कहा कि इस बात की समीक्षा की जा सकती है कि एनटीआरओ को किसी मंत्रालय के अधीन लाया जाए ताकि वह संसद के प्रति जवाबदेह हो सके. चिदंबरम ने कहा कि आतंकवादी, सीमा पार से आतंक फैलाने वाले और साइबर अपराध करने वाले लोग अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करते हैं.

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उन्होंने कहा कि इससे निबटने के लिए सरकारी एजेंसियों को भी आधुनिक प्रौद्योगिकी में दक्ष होने की जरूरत पड़ती है. उन्होंने कहा कि इस बात की जरूरत है कि ऐसे सुरक्षा उपाय बनाए जा सकें जिससे नयी प्रौद्योगिकी के जरिए लोगों की निजता का हनन नहीं हो. उन्होंने स्पष्ट कहा कि गृह सचिव ने किसी भी राजनेता के फोन टैप करने की अनुमति नहीं दी है. लेकिन उन्होंने इस संभावना से भी इनकार नहीं किया कि किसी नेता की अनधिकृत फोन टैपिंग की गई हो.

चिदंबरम ने कहा कि फोन टैपिंग का आदेश केवल केंद्रीय गृह सचिव ही नहीं बल्कि राज्यों के गृह सचिव भी देते हैं. उन्होंने कहा कि राज्यों को भी इस बात के लिए तैयार किया जाना चाहिए कि वे उपयुक्त सुरक्षा मानक अपनाएं. भारतीय लोकतंत्र में लॉबियों की बढ़ती भूमिका के बारे में विपक्ष के कुछ नेताओं के आरोपों से इनकार करते हुए गृह मंत्री ने कहा कि सरकार में लॉबी या बिचौलियों की कोई भूमिका नहीं है. मंत्री बनाने का निर्णय लॉबी नहीं प्रधानमंत्री करते हैं.

इससे पूर्व चर्चा में भाग लेते हुए विपक्ष के नेता ने कहा कि फोन टैपिंग का मुद्दा निजता में हस्तक्षेप है जो संविधान में व्यक्तिगत स्वतंत्रता का घोर उल्लंघन है. उन्होंने कहा कि यह बेहद गंभीर मामला जो देश के संसदीय लोकतंत्र से जुड़ा हुआ है लिहाजा इस मामले की जांच के लिए सरकार को संसदीय समिति गठित करनी चाहिए.

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