प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने आईपीएल विवाद और फोन टैपिंग मुद्दे पर संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से जांच कराने की विपक्ष की मांग को आज इस आधार पर अस्वीकार कर दिया कि इसकी जरूरत नहीं है.
फोन टैपिंग से जुड़े आरोपों पर जेपीसी के गठन की विपक्ष की मांग के बारे में जब सिंह से पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘‘जेपीसी किस लिये? जेपीसी के लिये यह उपयुक्त मामला नहीं है.’’ यह पूछने पर कि क्या सरकार ने आईपीएल मुद्दे पर जेपीसी के गठन की मांग को खारिज कर दिया है, सिंह ने कहा, ‘‘मैं नहीं सोचता कि जेपीसी की जरूरत है. जेपीसी एक काफी गंभीर मुद्दा है. हम जल्दबाजी में इस तरह के निष्कर्ष पर नहीं पहुंच सकते.’’
सिंह ने कहा कि गृह मंत्री पी. चिदंबरम फोन टैपिंग से जुड़े आरोपों पर संसद में स्पष्टीकरण दे चुके हैं. उन्होंने कहा, ‘‘अगर बैठक चलती तो मैंने संसद में अपराह्न तीन बजकर 30 मिनट के बाद आने का प्रस्ताव रखा था, लेकिन काफी अधीरता थी.’’ कुछ प्रमुख नेताओं के फोन गैर.कानूनी तरीके से टैप होने के आरोपों के चलते आज संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही बाधित हुई. बहरहाल, सरकार ने कहा कि उसने ऐसी किसी गतिविधि को अधिकृत नहीं किया और न ही इसमें उसे कोई औचित्य नजर आया.
चिदंबरम ने लोकसभा में विपक्षी सदस्यों की नारेबाजी के बीच कहा, ‘मैं स्पष्ट रूप से कहना चाहता हूं कि पूर्ववर्ती संप्रग सरकार ने किसी भी राजनेता का फोन न तो टैप किया और न ही उनकी बातचीत सुनी गयी. वर्तमान संप्रग सरकार ने भी ऐसी किसी गतिविधि को अधिकृत नहीं किया.’’ विपक्षी दलों का हंगामा जारी रहने के चलते दोनों सदनों की बैठक दिन भर के लिये स्थगित कर दी गयी.