बीजेपी में नयी पीढ़ी में नयी संभावना होने का जिक्र करते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने आरोप लगाया कि आज जो दल अपने को धर्मनिरपेक्ष बता रहे हैं, वे सबसे ज्यादा साम्प्रदायिक हैं.
आरएसएस के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख मनमोहन वैद्य ने कहा कि समाज के हर क्षेत्र में अच्छे लोग हैं और ऐसे लोग जो देश और जनता के हित में काम कर रहे हैं, उन लोगों में से देश को अच्छा नेतृत्व मिल जायेगा.
राष्ट्रीय राजनीति और बीजेपी में नेतृत्व के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘नई संभावनाएं हैं, नयी पीढ़ी में.’ है. बीजेपी के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘यह बीजेपी तय करना है. बीजेपी इस बारे में ठीक चलने और करने की कोशिश कर रहे हैं.’
कांग्रेस, बसपा समेत अन्य दलों की ओर से आरएसएस पर साम्प्रदायिकरण का आरोप लगाये जाने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यक ध्रुवीकरण की कोशिशें की जा रही हैं. ऐसा पहले भी होता रहा है.वैद्य ने किसी दल या व्यक्ति का नाम लिये बिना कहा, ‘आज जो अपने को धर्मनिरपेक्ष बता रहे हैं, उनके कृत्य और भाषा को देखें, तब यह स्पष्ट हो जायेगा कि वे सबसे ज्यादा साम्प्रदायिक हैं.’ संघ के वरिष्ठ प्रचारक ने सवाल किया कि आज साम्प्रदायिक होने का तमगा कौन दे रहा है? उनकी पृष्ठभूमि क्या है?
गौरतलब है कि हाल ही में कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह और शकील अहमद ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर साम्प्रदायिकता को बढ़ावा देने का आरोप लगाया था. कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह और शकील अहमद ने आरोप लगाया था कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ राजनीति का साम्प्रदायिकरण की कोशिश में लगा है. बसपा सुप्रीमो मायावती ने आरोप लगाया था कि आरएसएस साम्प्रदायिक घृणा फैलाने का काम कर रही है. ऐसा संगठन जो इस तरह की असंवैधानिक गतिविधियों में शामिल हो, क्या अदालत उस पर प्रतिबंध लगायेगी.
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की शाखाओं में युवाओं से सहभागिता में कमी की खबरों के बारे में पूछे जाने पर वैद्य ने कहा, ‘देश में आरएसएस की 40 हजार शाखाएं हैं. पिछले वर्ष में इसमें लगातार विस्तार हुआ है. हर साल संघ कक्षा वर्ग एवं शाखाओं के माध्यम से 70 हजार तरूण जुड़ रहे हैं. और यह तब हो रहा है जब हमने संघ में प्रवेश की प्रक्रिया को कड़ा कर दिया है.’