सामना में सम्पादकीय के जरिये केंद्र में सहयोगी शिवसेना ने भारत-पाक क्रिकेट पर ऐतराज जताया है. मुखपत्र सामना में 26/11 की 7वीं बरसी पर भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट के संभावनाओं की घोषणा को शिवसेना ने दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया है. मुखपत्र सामना के जरिये उद्धव के दिल की बात सामने आई है.
26/11 की बरसी पर घोषणा गलत
शिवसेना ने कहा है कि कश्मीर की घाटी में पाकिस्तानी बंदूकें और तोप जिहाद की मांग दे रही हैं और इन सबके बीच हिन्दुस्तान और पाकिस्तान के बीच के बीच
क्रिकेट मैच आयोजित करने का निर्णय हुआ है. संपादकीय में कहा गया है कि पाकिस्तानियों के इस नृशंस हमले में शहीद हुए निर्दोष नागरिकों और पुलिस वालों का
जब स्मरण किया जा रहा था ठीक उसी समय 26/11 का मुहूर्त साधकर भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट खेलने के लिए दिसंबर की तारीख घोषित करने का
निर्लज्ज कृत्य किया जाए, इससे बड़ा दुर्भाग्य क्या हो सकता है?
शिवसेना जारी रखेगी विरोध
संपादकीय में आगे लिखा गया है कि पाकिस्तान के साथ क्रिकेट खेलने का भारत में विरोध हो रहा है. मुंबई समेत पूरे महाराष्ट्र में शिवसैनिको ने पाकिस्तानियों के
खिलाफ विद्रोह किया है. इसलिए अब ये मैच भारत के बजाय श्रीलंका में खेले जायेंगे. संपादकीय में आगे लिखा है कि घी में तला जाय या फिर चीनी के पाक में घोला
जाय भारतीय क्रिकेटी बोर्ड पाकिस्तानी क्रिकेट बोर्ड से निकाह करने पर आमादा है. पाकिस्तानी रोज हमारे सैनिकों को यमलोक भेज रहे हैं. हम उन जवानों को शहीद का
दर्जा दे रहे हैं.
शहीद कर्नल महादिक को सलाम
शिवसेना ने लिखा है कि पिछले दिनों सातारा के कर्नल संतोष महादिक कश्मीर में शहीद हुए. एक युवा अधिकारी देश की रक्षा करते हुए शहीद हो गया. जब तिरंगे से
लिपटा उनका शरीर सातारा लाया गया तब कर्नल महादिक की पत्नी ने रणरागिनी के आवेश में कहा 'मुझे मेरी पति के बलिदान पर गर्व है. वे देश की रक्षा करते हुए
शहीद हुए. मैं अपने दोनों बेटों को भी देश के रक्षा के लिए सेना में भेजूंगी. वाह! शाबाश! कैसा गजब का राष्ट्रगौरव है! परंतु उधर वीरपत्नी अपने पति के बलिदान का
सिंदूर पूरे गर्व से जब पेश कर रही है तब इस देश का निर्लज्ज व्यापारी सट्टेबाज़ जमात पाकिस्तानियों से क्रिकेट खेलकर धंधा करने पर उतारू है.
सटोरियों की ना सुनें सरकार
भले ही आतंकियों की गोली से निर्दोष मारे जायें, भले ही पाकिस्तानी आतंकियों द्वारा मुंबई पुलिस के जवान मारे जाय, शरहद पर भले ही हमारे जवान शहीद हो, इससे
इन सटोरियों का क्या लेना देना? हो सकता है की उन सटोरियों का मत हो की 7 साल पहले मुंबई पर हमला ही न हुआ हो.
देशभक्ति की भावना जिंदा रहे
सामना में आगे लिखा गया है कि भारत पकिस्तान के बीच मैच हुए तो शिवसेना क्या करेगी? यह सवाल उन्हें सता रहा है. देशभक्ति और पाकिस्तानियों के खिलाफ
लड़ने का जिम्मा सिर्फ शिवसेना ने ले रखा है, यह सत्य है. परंतु अन्य राजनितिक दलों में यह देशाभिमान रंच मात्र बचा है क्या?
सरकार मत दे मंजूरी
शिवसेना ने कहा है कि विदेश मंत्रालय ने अब तक पाकिस्तानियों के साथ क्रिकेट खेलने के निर्णय को मंजूरी नहीं दी है. केंद्र सरकार को यह दृढ़ता इसी तरह से कायम
रख केंद्र सरकार को भारतीय क्रिकेट बोर्ड के उतावलेपन को लगाम लगानी चाहिए.
क्रिकेट के खिलाफ नहीं लेकिन सीमा पर शांति चाहिए
शिवसेना के सांसद अरविंद सावंत ने कहा है कि हम क्रिकेट के खिलाफ नहीं है लेकिन पाकिस्तान के साथ लगती सीमा पर शांति चाहिए. सावंत ने उम्मीद जताई कि सरकार देश के लोगों की भावनाओं को समझकर कोई फैसला करेगी.
We don't hate cricket, the problem is at the borders, says Arvind Sawant (Shiv Sena) on Indo-Pak series. pic.twitter.com/duhFqg0mA2
— ANI (@ANI_news) November 28, 2015