गुरुवार को राज्य सभा में प्रधानमंत्री के भाषण को लेकर सरकार और विपक्ष में जमकर हंगामा हुआ. हंगामे के दौरान अन्नाद्रमुक के तमाम सांसद तमिलनाडु में मचे सियासी घमासान को लेकर वेल में घुसे रहे. हंगामे के चलते उपसभापति पीजे कुरियन को सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी.
लेफ्ट नेता सीताराम येचुरी ने राज्यसभा में दिया 267 के तहत नोटिस देकर राज्य सभा की कार्यवाही स्थगित करने का प्रस्ताव दिया. प्रस्ताव को डिप्टी चेयरमैन ने खारिज कर दिया. येचुरी का कहना है कि प्रधानमंत्री ने कल अपने भाषण में हरकिशन सिंह सुरजीत और ज्योति बासु का नाम लिया था नाम जो कि नैतिक नहीं है. राज्य सभा के नियम के अनुसार अगर कोई भी मेंबर किसी भी व्यक्ति विशेष का नाम ले तो उस पर सफाई मांगी जा सकती है.
येचुरी की दलील को खारिज करते हुए पी जे कुरियन ने कहा कि बुधवार को दिए गए भाषण पर अगर कोई आपत्ति थी तो उन्हें उसी वक्त ही उठानी चाहिए थी. वह गुरुवार को इस पर कोई भी टिप्पणी या फैसला नहीं कर सकते.
इसके बाद आनंद शर्मा उठे और उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और मनमोहन सिंह की बेइज्जती की है और इसलिए उनको सदन में बुलाकर माफी मांगनी चाहिए. उन्होंने 238 और 235 के तहत पीएम के भाषण को आपत्तिजनक करार दिया.
इसके बाद अन्नाद्रमुक के नेता वेल में घुस गए और तमिल नाडु के गवर्नर के खिलाफ नारेबाजी करने लगे. उनको वेल में देख कांग्रेस नेता हरिप्रसाद के साथ तमाम सांसदों को लेकर वेल में पीएम के खिलाफ नारेबाजी करने लगे.