गरीबों के लिए कम पैसे में AC का सफर संभव बनाने के मकसद से साल 2006 में गरीब रथ की शुरुआत की गई थी. देश में अलग-अलग रूटों पर 26 गरीब रथ ट्रेन चलाई जा रही थीं. लेकिन कुछ समय पहले रेलवे ने इन ट्रेनों को क्रमबद्ध तरीके से मेल एक्सप्रेस ट्रेन में बदलना शुरू कर दिया. रेलवे ने अपने फैसले के पीछे कोच की कमी होने का तर्क दिया. ये भी कहा जा रहा है कि देश में गरीब रथ के कोच बनना बंद हो चुके हैं.
रेलवे के इस कदम के तहत काठगोदाम और जम्मू तवी के बीच चलने वाली गरीब रथ ट्रेन नंबर 12207/08 और कानपुर व काठगोदाम के बीच चलने वाली गरीब रथ ट्रेन नंबर 12209/10 को बंद कर नॉर्दन रेलवे ने मेल एक्सप्रेस ट्रेन शुरू कर दीं. गरीब रथ बंद होने की खबर सामने आने के बाद विपक्षी दल सरकार पर हमलावर हो गए. उन्होंने इसे केंद्र सरकार का गरीबों के हितों के विपरीत कदम बताया. लालू यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल ने इस मुद्दे पर ट्वीट कर बिहार के चुनकर गए एनडीए सांसदों को निशाने पर लिया.
हंगामा बढ़ने पर शुक्रवार को रेलवे ने अपनी सफाई में कहा कि जिन रूटों पर उसने गरीब रथ बंद की हैं, वहां पर जल्द ही ये सेवा फिर से शुरू की जाएगी. रेलवे ने इसके लिए 4 अगस्त की तारीख तय की है. बाकी गरीब रथ के बारे में भी रेलवे ने बयान जारी कर कहा कि ये ट्रेनें काफी लोकप्रिय हैं और इन्हें जारी रखा जाएगा. रेलवे ने कहा कि उसका इन ट्रेनों को बंद करने का कोई प्रस्ताव भी विचाराधीन नहीं है.