कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने नए पर्यावरण प्रभाव आकलन (ईआईए) 2020 ड्राफ्ट का विरोध किया है. उन्होंने मसौदे को वापस लिए जाने की मांग की है. राहुल गांधी ने सोमवार को कहा कि इस मसौदे का मकसद लूट है.
राहुल गांधी ने ट्वीट किया, 'पर्यावरण प्रभाव आकलन (ईआईए) 2020 ड्राफ्ट का मकसद साफ है. देश की लूट. यह एक और खौफनाक उदाहरण है कि भाजपा सरकार देश के संसाधन लूटने वाले चुनिंदा सूट-बूट के ‘मित्रों’ के लिए क्या-क्या करती आ रही है. देश की लूट और पर्यावरणीय विनाश को रोकने के लिए EIA2020 ड्राफ्ट को वापस लिया जाना चाहिए.'
EIA2020 ड्राफ़्ट का मक़सद साफ़ है - #LootOfTheNation
यह एक और ख़ौफ़नाक उदाहरण है कि भाजपा सरकार देश के संसाधन लूटने वाले चुनिंदा सूट-बूट के ‘मित्रों’ के लिए क्या-क्या करती आ रही है।
AdvertisementEIA 2020 draft must be withdrawn to stop #LootOfTheNation and environmental destruction.
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) August 10, 2020
बता दें कि पर्यावरण मंत्रालय ने इसी साल मार्च में ईआईए मसौदे को लेकर अधिसूचना जारी की थी. इस पर जनता से राय मांगी गई थी. इसके तहत विभिन्न परियोजनाओं के लिए पर्यावरण मंजूरी देने के मामले आते हैं.
इससे पहले, राहुल गांधी ने फेसबुक पोस्ट में रविवार को लोगों से आग्रह किया था कि वे नए पर्यावरण प्रभाव आकलन (ईआईए) 2020 ड्राफ्ट के खिलाफ प्रदर्शन करें. उनका कहना है कि यह खतरनाक है और अगर नोटिफाइड होता है तो इसके दीर्घकालिक परिणाम विनाशकारी होंगे.
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राहुल गांधी ने अपनी फेसबुक पोस्ट में कहा कि पर्यावरण प्रभाव आकलन मसौदा 2020 न सिर्फ अपमानजनक बल्कि खतरनाक भी है. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने कहा कि इसमें पर्यावरण की सुरक्षा के लिहाज से लंबी लड़ाई के बाद हासिल हुए फायदों को न सिर्फ पलटने की ताकत है बल्कि इसमें पूरे देश में पर्यावरण के लिहाज से व्यापक विनाश और बर्बादी फैलाने की भी क्षमता है.
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राहुल गांधी ने कहा कि इस पर सोचने की जरूरत है. स्वच्छ भारत का दिखावा करने वाली इस सरकार के मुताबिक अगर यह मसौदा अधिसूचना अमल में आती है तो रणनीतिक तरीके से कोयला खनन और अन्य खनिजों के खनन जैसे बेहद प्रदूषण फैलाने वाले उद्योगों को पर्यावरण प्रभाव आकलन की जरूरत नहीं रहेगी.