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पुलवामा: 5 दिन शांत रहने के बाद कांग्रेस का PM मोदी पर हमला- क्या यही है 56 इंच का सीना?

पुलवामा के आतंकी हमले को लेकर पांच दिनों तक शांत रहने के बाद कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने मोदी सरकार से कई सवाल खड़े हैं. सिंघवी ने कहा कि 2014 जैसे पहले छोटी-छोटी घटनाओं पर इस्तीफा मांगने वाले नरेंद्र मोदी बताएं क्या यही 56 इंच का सीना है?

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कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी
कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी

पुलवामा में हुए आतंकी हमले के पांच दिन तक कांग्रेस इस मुद्दे पर चुप रहने के मंगलवार को मोदी सरकार पर हमलावर हो गई है. कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने एक के बाद एक ट्वीट करके पुलवामा पर मोदी सरकार से कई सवाल किए हैं. सिंघवी ने कहा कि 2014 जैसे पहले छोटी-छोटी घटनाओं पर इस्तीफा मांगने वाले नरेंद्र मोदी बताएं क्या यही 56 इंच का सीना है?

सिंघवी ने कहा कि पुलवामा हमले के बाद कांग्रेस ने पूरी जिम्मेदारी निभाई है. वहीं, 2014 से पहले नरेंद्र मोदी छोटी-छोटी घटनाओं पर भी इस्तीफे की मांग किया करते थे, लेकिन पुलवामा के हमले के बाद हमने ऐसा नहीं किया है. लेकिन पुलवामा में जिस तरह सुरक्षा में चूक हुई है, उसने कई तरह के सवाल खड़े कर दिए हैं.

सिंघवी ने अगले ट्वीट में कहा कि 78 वाहनों में एक साथ 2500 जवानों को जम्मू से श्रीनगर भेजना सरकार की बड़ी गलती थी. इसके अलावा इस दौरान आम लोगों के वाहनों को वहां से गुजरने देना भी एक बड़ी चूक है. वो भी ऐसे समय में जब खूफिया एजेंसियों के द्वारा जैश के फिदाईन हमले का एलर्ट जारी रहा हो. क्या यही 56 इंच की सीना है?

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बता दें कि जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में 14 फरवरी को यानी गुरुवार को आतंकियों ने हमला करके सीआरपीएफ को 40 जवानों को शहीद कर दिया गया था. इस हमले के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रेस कान्फ्रेंस करके सरकार और सेना के हर कदम का समर्थन किया था. इस दौरान राहुल गांधी ने कहा था कि अगले कुछ दिनों वो कोई भी राजनीतिक बातें नहीं करेंगे.

पुलवामा के आतंकी हमले के पांच दिनों तक शांत रहने के बाद कांग्रेस ने मोदी सरकार पर सवाल करने शुरू कर दिए हैं. सोमवार को सिंघवी ने अमित शाह पर निशाना साधते हुए कहा था कि जो लोग पुलवामा हमले पर  राजनीतिक लाभ लेने की कोशिश कर रहे हैं, उन्हें देश की जनता माफ नहीं करेंगी.

उन्होंने कहा कि कांग्रेस राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर कभी राजनीति नहीं कर सकती और अपने देश के जवानों एवं सरकार के साथ खड़ी है. सिंघवी ने कहा कि देश के नागरिक के तौर पर हमें पुलवामा की घटना पर आक्रोश प्रकट करने का पूरा अधिकार है, लेकिन अगर कोई राजनीतिक दल या संगठन इस मामले में राजनीति करता है अथवा राजनीतिक लाभ की कोशिश करता है तो मुझे लगता है कि देश की जनता इसे उपयुक्त नहीं समझेगी और माफ भी नहीं करेगी.

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दरअसल पुलवामा मामले पर बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह इन दिनों अपनी रैलियों में लगातार जिक्र कर रहे हैं. रविवार को असम और सोमवार को जयपुर में बोलते हुए कहा था कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार देश के जवानों के बलिदान को व्यर्थ नहीं जाने देगी और सेना माकूल जवाब देगी.

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